ठंड का कहर: कानपुर में फिर 14 की गई जान, 7 दिन में हार्ट अटैक से 98 मौतें
UP | 98 People Died Of Heart Attack In A Week In Kanpur
उत्तर प्रदेश के कानपुर में हार्ट अटैक से हुई मौतों के आंकड़ों ने फिर दिल दहला दिया है. 24 घंटे के भीतर शहर के एसपीएस हृदय संस्थान में 14 मरीजों ने दम तोड़ दिया. हैरानी की बात यह है कि भीषण सर्दी के बीच यहां एक सप्ताह में 98 लोगों की हार्ट और ब्रेन अटैक से मौत हो चुकी है.
भीषण ठंड के बीच दिल का दौरा पड़ने से कानपुर में फिर 14 मौतें हो गईं. मरने वालों का यह आंकड़ा 24 घंटे के भीतर का ही है. बीते 3-4 दिनों के भीतर शहर में हार्ट और ब्रेन अटैक से पीड़ित 98 लोगों की मौत हो चुकी है. यह आंकड़े एलपीएस हृदय रोग संस्थान (LPS Institute of Cardiology & Cardiac Surgery) ने जारी किए हैं.
एलपीएस हृदय रोग संस्थान की ओर से बताया गया कि शनिवार को भीषण सर्दी के शिकार 14 मरीजों की हार्ट अटैक से मौत हो गई. हृदय रोग संस्थान में इलाज के दौरान 6 लोगों की मौत हुई जबकि इस दिन संस्थान में हार्ट अटैक से पीड़ित 8 लोगों को मृत अवस्था में लाया गया था.
शनिवार को हार्ट अटैक से पीड़ित 54 मरीजों को कार्डियोलॉजी इमरजेंसी में भर्ती कराया गया. हृदय रोग संस्थान में कुल 604 रोगियों का इलाज जारी है. इनमें 54 नए और 27 पुराने मरीज शामिल हैं. वहीं, एक सप्ताह में 98 लोगों की हार्ट और ब्रेन अटैक से हो चुकी मौत है. इनमें से 44 की मौत हॉस्पिटल में हुई, जबकि 54 मरीजों ने इलाज से पहले ही दम तोड़ दिया था.
बता दें कि कानपुर में कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल आसपास के जिलों का सबसे बड़ा हृदय के रोगों का अस्पताल है. यहां कई दिनों से मरीज अपना इलाज कराने आते हैं. जैसे ही ठंड का प्रकोप पूरे उत्तर भारत में बढ़ रहा है, कार्डियोलॉजी में मरीजों का आना बढ़ता जा रहा है. कार्डियोलॉजी के निदेशक विनय कृष्णा का कहना है कि ठंड में अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से नसों में खून का थक्का जम जा रहा है, जिससे हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक पड़ रहा है. ठंड दिल और दिमाग दोनों पर भारी पड़ रही है.
डॉक्टर का कहना है कि शीत लहर में रोगी ठंड से बचाव रखें. जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें, कान, नाक और सिर ढंककर निकले. डॉक्टर ने 60 की उम्र के ऊपर लोगों को शीत लहर में बाहर न निकलने की सलाह दी है.
लखनऊ मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, उत्तराखंड के कुछ इलाकों में बर्फबारी के बाद वहां से चल रही बर्फीली हवाओं ने मैदानी इलाकों में ठिठुरन बढ़ा दी है.हालांकि, शुक्रवार से कुछ बदलाव की संभावना है, लेकिन अगले तीन-चार दिनों तक कड़ाके की ठंड से कोई बड़ी राहत की उम्मीद नहीं है.