छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य व पोषण के क्षेत्र में लगातार रच रहा इतिहास, बच्चों के कुपोषण में 48% की गिरावट, एक लाख महिलाएं एनीमिया से मुक्त

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Chhattisgarh | 48 percent decline in malnutrition of children, one lakh women have become free from anemia

Chhattisgarh | 48 percent decline in malnutrition of children, one lakh women have become free from anemia
Chhattisgarh | 48 percent decline in malnutrition of children, one lakh women have become free from anemia

मुख्यमंत्री सुपोषण योजना शुरू होने के समय आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में लगभग चार लाख 33 हजार बच्चे कुपोषित थे। राज्य में अब तक दो लाख 11 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण मुक्त हो गए हैं।

Chhattisgarh | 48 percent decline in malnutrition of children, one lakh women have become free from anemia

छत्तीसगढ़ के लिए यह अच्छी खबर है। बीते चार साल में यहां बच्चों के कुपोषण में 48 प्रतिशत की गिरावट आई है, वहीं अब तक एक लाख महिलाएं एनीमिया से मुक्त हो चुकी हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में सुधार के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सरकार की नवाचारी योजनाओं मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक, दाई-दीदी क्लिनिक, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, हमर लैब, मलेरिया मुक्त बस्तर और मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ योजना का संचालन किया जा रहा है। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है।

छत्तीसगढ़ में लोगों को डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना में पांच लाख रूपए तक की इलाज की सुविधा दी जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना में 20 लाख रूपए तक की इलाज की सुविधा मिल रही है।

मुख्यमंत्री सुपोषण योजना शुरू होने के समय आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में लगभग चार लाख 33 हजार बच्चे कुपोषित थे। राज्य में अब तक दो लाख 11 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण मुक्त हो गए हैं। इस प्रकार कुपोषित बच्चों की संख्या में 48 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले चार वर्षों के दौरान राज्य में कुपोषण की दर में 5.61 प्रतिशत की कमी आई है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-पांच के अनुसार राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है, जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत से कम है। अब तक एक लाख महिलाएं एनीमिया से मुक्त हो चुकी हैं। इस योजना के तहत एनीमिया प्रभावितों को आयरन, फोलिक एसिड, कृमि नाशक गोलियां दी जा रही हैं।

नीति आयोग की ओर से आकांक्षी जिलों के रिपोर्ट में दिसम्बर 2022 के लिए जारी की गयी चैम्पियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले का परफॉर्मेंस बेहतर रहा है। देश के 112 आकांक्षी जिलों में से ओवरऑल परफॉर्मेंस श्रेणी में शीर्ष पांच जिलों में छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों में शामिल नारायणपुर जिला चौथे स्थान पर है। वहीं स्वास्थ्य और पोषण श्रेणी में नारायणपुर जिले का स्थान तीसरा है।

हाल में ही राज्य सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन में मिलेट्स के व्यंजन को शामिल करने को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है। बच्चों में कुपोषण दूर करने और किशोरी बालिकाओं व महिलाओं को एनिमिया से मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को अच्छी सफलता मिल रही है। इस अभियान के बाद बच्चों के कुपोषण में 48 प्रतिशत की गिरावट आई है।

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