स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का जिक्र 11वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस के पहले चेप्टर में था.
NCERT removes references to Maulana abul kalam azad from new class 11 political science textbook
NCERT एनसीईआरटी का सिलेबस एक बार फिर विवाद में घिरता नजर आ रहा है. कक्षा 11वीं के सिलेबस से अब देश के पहले शिक्षा मंत्री का ही नाम हटा दिया गया है. स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का नाम 11 की पॉलिटिकल साइंस की नोटबुक से हटा दिया गया है. NCERT पैटर्न की पुरानी किताब में जिस जगह पर उनके काम का जिक्र था वो हिस्सा अब नई किताब में गायब है.
NCERT पैटर्न पर 11वीं क्लास की पुरानी पॉलिटिकल साइंस की किताब के पहले चैप्टर में ही मौलाना आजाद का जिक्र था. इसमें मौलाना अबुल कलाम आजाद का संविधान को लेकर एक लेख था जिसे हटा दिया गया है.
जम्मू-कश्मीर पर बदलाव
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, NCERT की नई किताब में जम्मू-कश्मीर और आर्टिकल 370 से जुड़ी कुछ जानकारियां भी हटाई गई हैं. अगस्त 2019 में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था, जिससे जम्मू और कश्मीर की स्वायत्त स्थिति समाप्त हो गई थी.
कौन थे मौलाना आजाद?
भारत में हर साल 11 नवंबर को मौलाना अबुल कलाम आजाद के जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में किए गए योगदान को देखते हुए 11 नवंबर 2008 को इसकी शुरुआत हुई थी. मौलाना आजाद को स्वतंत्र भारत में शिक्षा के प्रमुख वास्तुकार के रूप में भी जाना जाता है. आजाद 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक भारत के शिक्षा मंत्री रहे. शिक्षा मंत्री के रूप में आजाद ने ग्रामीण गरीबों और लड़कियों को शिक्षित करने पर जोर दिया.
आजाद ने 1946 में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जब उन्होंने संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए भारत की नई संविधान सभा के चुनावों में कांग्रेस का नेतृत्व किया. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपने छठे वर्ष में ब्रिटिश कैबिनेट मिशन के साथ बातचीत करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया था