कर्नाटक सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्राओं को हिजाब पहनने की इजाजत दे दी है। सरकार ने कहा है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और सभी को अपनी पसंद के कपड़े पहनने का अधिकार है।
Karnataka Government allows students to wear hijab for examinations
कर्नाटक सरकार ने प्रतियोगी और भर्ती की परीक्षाओं में बैठने वाले उम्मीदवारों को परीक्षा के दौरान हिजाब पहनने की छूट दे दी है। इस बारे में कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री एम सी सुधाकर ने ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि विद्यार्थियों को सिर्फ हिजाब पहनने के कारण परीक्षा से वंचित करना लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि हाल में हुई नीट परीक्षा के लिए भी हिजाब पहनने की छूट दी गई थी।
एम सी सुधाकरने कहा कि, “कुछ लोगों की आदत है कि वे हर चीज पर आपत्ति उठाते हैं। यह एक धर्मनिरपेक्ष देश है। लोगं को अपनी पसंद के कपड़े पहनने का अधिकार है। मेरा मानना है कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं उन्हें नीट परीक्षा की नियमावली पढ़नी चाहिए। मुझे समझ नहीं आता कि आखिर में इसे मुद्दा क्यों बना रहे हैं।”
सुधाकर ने आगे कहा कि ऐसे छात्र जो हिजाब पहनना चाहते हैं उन्हें परीक्षा से कम से कम एक घंटा पहले परीक्षा केंद्र पहुंचना होगा। उनकी पूरी तरह जांच की जाएगी क्योंकि हम परीक्षा में किसी किस्म की गड़बड़ी या अनुचित साधनों का उपयोग नहीं होने देना चाहते हैं।
माना जा रहा है कि 28 और 29 अक्टबूर को होने वाली कर्नाटक के पांच कार्पोरेशन में भर्ती की परीक्षा में भी यही नियम लागू होगा। ध्यान रहे कि कर्नाटक में छात्राओं के हिजाब पहनने पर काफी विवाद हुआ था, जब पिछले साल बीजेपी के शासन वाली सरकार के दौर में उडुपी के पी यू कॉलेज ने 6 छात्राओं को कक्षा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी।
5 फरवरी 2022 को कर्नाटक की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर ऐसे परिधान पहनने पर रोक लगा दी थी जिनके पहनने से समानता, अखंडता और कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो। सरकार का यह कदम उन छात्राओं पर केंद्रित माना गया था जो हिजाब पहनती हैं। एक महीने बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए कहा था कि हिजाब पहनना धार्मिक अभ्यासों का जरूरी हिस्सा नहीं है।
लेकिन बीते साल मई में राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद पार्टी की मुस्लिम विधायक कनीज फातिमा ने कहा था कि हिजाब पर लगी पाबंदी हटाई जाएगी। कर्नाटक के आईटी-बीटी मंत्री प्रियांक खड़गने भी कहा था कि हिजाब पर प्रतिबंध के फैसले की समीक्षा की जाएगी।