रामचरितमानस की प्रतियां जलाने मामले में 5 गिरफ्तार, सलीम पर लगी रासुका, प्रतियां जलाने को उकसाने का आरोप

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Uttar Pradesh Police Charges Saleem Under NSA Over Burning of ‘Ramcharitmanas’ Copies

Uttar Pradesh Police Charges Saleem Under NSA Over Burning of 'Ramcharitmanas' Copies
Uttar Pradesh Police Charges Saleem Under NSA Over Burning of ‘Ramcharitmanas’ Copies

रामचरितमानस की प्रतियां जलाने मामले में गिरफ्तार 5 आरोपियों में से सलीम पर लगी रासुका, सलीम ने प्रतियां जलाने के लिए उकसाया था

Uttar Pradesh Police Charges Saleem Under NSA Over Burning of ‘Ramcharitmanas’ Copies

उप्र में रामचरितमानस की प्रतियां जलाने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। प्रतियां जलाने वालों में शामिल दो आरोपियों पर प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा दिया है। लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के आरोपी सत्येंद्र कुशवाहा और सलीम पर यह कार्रवाई की है।

इन लोगों ने 29 जनवरी को लखनऊ के पीजीआई वृंदावन कॉलोनी में रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थीं। इसका वीडियो वायरल हुआ था। पुलिस ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और कुछ और लोगों की गिरफ्तारी भी संभव है। प्रतियां जलने के मामले में सपा नेता स्वामी प्रसाद के साथ 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

स्वामी बोले- मोहन भागवत ने धर्म के ठेकेदारों की कलई खोल दी

रामचरितमानस विवाद के बीच RSS प्रमुख मोहन भागवत के ‘पंडितों’ वाले बयान पर स्वामी ने प्रतिक्रिया दी है। स्वामी ने ट्वीट किया, “जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आयें।”

स्वामी प्रसाद के समर्थन में किया गया था प्रदर्शन

पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने 29 जनवरी को प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन लोगों ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थीं। साथ ही महासभा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सनातन धर्म संस्कृति और श्रीराम चरित मानस की चौपाई पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

हिंदू संगठनों ने दर्ज कराया था केस

ADCP पूर्वी अली अब्बास ने बताया कि घटना के बाद अखिल भारत हिंदू महासभा समेत कई अन्य हिंदू वादी संगठनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किए थे। इसके बाद पीजीआई पुलिस को ऐशबाग में रहने वाले भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला कार्य समिति के सदस्य सतनाम सिंह उर्फ लवी ने तहरीर सौंपी थी।

इस आधार पर पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, देवेंद्र सिंह, यशपाल सिंह लोधी, सत्येंद्र कुशवाहा, महेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, संतोष वर्मा, सलीम और कुछ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। 30 जनवरी को 5 आरोपी सत्येंद्र कुशवाहा, देवेंद्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह, सुरेश सिंह यादव और मो. सलीम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

बचे आरोपियों पर भी होगी कार्रवाई

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने रविवार को जेल में बंद सलीम और सतेंद्र कुशवाहा के खिलाफ NSA की कार्रवाई होने का आदेश जारी किया। ADCP पूर्वी अली अब्बास के मुताबिक आरोपी सतेंद्र और सलीम के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया है। गिरफ्तार अन्य तीन आरोपियों आलमबाग के यशपाल सिंह लोधी, साउथ सिटी के देवेंद्र प्रताप यादव और तेलीबाग के नरेश सिंह के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।

सलीम ने प्रदर्शनकारियों को उकसाया

पुलिस जांच में सामने आया है कि ओबीसी महासभा को स्वामी प्रसाद के समर्थन में सिर्फ रामचरितमानस की प्रतियां लहराकर प्रदर्शन की योजना थी, लेकिन सलीम ने उन्हें उकसाया और प्रतियां फाइने के बाद उन्हें जला दिया। प्रतियों का अपमान किया। इसलिए स्वामी प्रसाद को भी मामले में आरोपी बनाया गया था।

दंगा, विद्वेष और हिंसा फैलाने की साजिश का आरोप

मुकदमा दर्ज कराने वाले सतनाम सिंह ने आरोप लगाया था कि रामचरितमानस की प्रतियां जलाकर उक्त आरोपियों ने एक समुदाय की भावना को आहत करने, सांप्रदायिक दंगा फैलाने, विद्वेष फैलाने, हिंसा के लिए लोगों को उकसाने, राज्य की लोक व्यवस्था व कानून व्यवस्था को खराब करने माहौल बिगाड़ने का जानबूझ कर प्रयास किया है। इन्हीं आरोपों के तहत आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।

बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के बाद अब यूपी में समाजवादी पार्टी के MLC स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है। मौर्य ने रविवार को कहा- कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को रामचरित मानस के आपत्तिजनक अंश हटाना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।

बता दें कि 10 दिन पहले बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने भी धर्मग्रंथ के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। तब उन्होंने रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाली हिंदू धर्म की पुस्तक बताया था।

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