उत्तराखंड में पिटी उत्तर प्रदेश पुलिस’: गुडवर्क दिखाने के चक्कर में किरकिरी
‘Uttar Pradesh Police’ beaten up in Uttarakhand: Gritty for showing good work
मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में खनन माफिया पर कार्रवाई के मामले में पुलिस कदम-कदम पर नाकाम साबित हो रही है। पहले ठाकुरद्वारा में एसडीएम और खनन
अधिकारी पर हमला कर माफिया डंपर छुड़ा ले गए थे। इसके बाद फरार चल रहे पचास हजार के इनामी आबिद हुसैन निवाीस गोपीवाला को भी पुलिस नहीं पकड़ पाई। आबिद हुसैन पीलीभीत में अपने रिश्तेदार के घर छिपा हुआ था। जिसे सोमवार को एसटीएफ की बरेली यूनिट ने दबोचा था। जब पुलिसकर्मियों की किरकिर हुई तो डीआजी ने ठाकुरद्वारा एसएचओ के खिलाफ जांच बैठा दी। इसी नाकामी को ढकने के लिए गुडवर्क दिखाने के फेर में बिना मजबूत योजना के कुंडा के गांव भरतपुर में ठाकुरद्वारा पुलिस एसओजी टीम के साथ पहुंच गई।
इतना ही नहीं पचास हजार का इनाम को पकड़ने के लिए स्थानीय पुलिस को सूचना तक नहीं दी गई। बात यहीं तक नहीं है खनन माफिया को संरक्षण देने के भी ठाकुरद्वारा पुलिस पर आरोप लगते रहे हैं।
मुख्य मंत्री आदित्यनाथ ने वर्चुअल समीक्षा में डीआईजी शलभ माथुर को खनन मामले में लापरवाही पर फटकार लगाई थी। इसके बाद आला अधिकारी भी माफियाओं को जल्द गिरफ्तार करने के फेर में कमजोर रणनीति का परिचय दे बैठे।
दरअसल, पुलिस डिलारी के कांकरखेड़ा निवासी जफर की तलाश में जुटी थी। सूचना मिली कि आरोपी जफर ऊधमसिंह नगर के कुंडा थानाक्षेत्र में फार्म हाउस में
छिपा हुआ है। थाना प्रभारी योगेंद्र कुमार सिंह और एसओजी टीम ने आरोपी को पकड़ा तो वहां लोगों की भीड़ जुट गई। यहां जमकर बवाल हुआ।
खनन मामले में पचास हजार के वांछित जफर की तलाश में ठाकुरद्वारा थाने की पुलिस और एसओजी लगी थी। बुधवार शाम सूचना मिली थी कि ठाकुरद्वारा के पास जफर मौजूद है। पुलिस ने घेराबंदी की तो जफर उत्तराखंड क्षेत्र के भरतपुर गांव में पहुंच गया। जहां जफर और उसके साथियों ने पुलिस टीम को बंधक बना लिया। पुलिस टीम पर फायरिंग की गई, जिसमें दो सिपाही समेत पांच घायल हुए हैं। पूरे मामले की जानकारी जुटाई जा रही है।
शभम माथुर, डीआईजी