इस मामले में छात्र का कहना है कि उसको गलत तरीके से फंसाया गया। उसकी जेब में जबरदस्ती रुपए डाले गए। छात्र ने बीटा-2 कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी समेत 6 लोगों के खिलाफ शिकायत दी, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ।
UP | Case of beating Dalit student & force to drink urine, case registered against 6 policemen
भाजपा शासित राज्यों में दलितों पर अत्याचार के मामले ज्यादा देखे जाते हैं, ऐसा कहना है विपक्षी दलों के नेताओं का। आम जनता से लेकर पुलिस पर भी दलितों पर जुर्म करने के आरोप लगते हैं। उत्तर प्रदेश में भी एक दलित छात्र के साथ अत्याचार का मामला सामने आया। इसमें उत्तर प्रदेश की पुलिस पर ही आरोप लगे हैं। दरअसल ग्रेटर नोएडा में एक दलित छात्र ने पुलिसकर्मियों पर मारपीट करने और यूरिन पिलाने का आरोप लगाया था। इस मामले में अब एक्शन हुआ है। लखनऊ से आदेश मिलने के बाद अनिल राजपूत, अनुज कुमार और देवेंद्र राठी समेत 6 पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
इस मामले की शिकायत के बाद कोई एक्शन नहीं लिया गया था जिससे परेशान होकर छात्र लखनऊ गया और वहां पर आत्मदाह करने का प्रयास किया। तब जाकर अधिकारी हरकत में आए।
लखनऊ के अधिकारियों की शिकायत के आधार पर अनिल राजपूत और अनुज कुमार समेत 6 पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनका कहना है कि छात्र के आरोप बेबुनियाद और गलत हैं। छात्र को एक स्पा सेंटर संचालिका से रंगदारी मांगने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। छात्र एक आईपीएस अधिकारी का नाम लेकर स्पा केंद्र संचालिका से रंगदारी मांग रहा था।
इस मामले में छात्र का कहना है कि उसको गलत तरीके से फंसाया गया। उसकी जेब में जबरदस्ती रुपए डाले गए। छात्र ने बीटा-2 कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी समेत 6 लोगों के खिलाफ शिकायत दी, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ। इसके बाद छात्र ने लखनऊ में आत्मदाह करने का प्रयास किया।
अब हाईकमान से आदेश आने के बाद बीटा-2 कोतवाली में अनिल राजपूत, देवेंद्र राठी और अनुज कुमार समेत 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।