
उत्तराखंड के कोटद्वार स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय में अंकिता की हत्या के मामले में तीन दोषी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
Pulkit Arya was sentenced to life imprisonment along with fines under various IPC
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस हत्याकांड में पूर्व बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकिता गुप्ता को दोषी ठहराया है। तीनों को उम्रकैद की सजा दी गई है। पुलकिल आर्य तत्कालीन बीजेपी नेता विनोद आर्य का बेटा है। मामला सामने आने के बाद बीजेपी विनोद आर्य को पार्टी से निकाल दिया था।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में पुलकित आर्य को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई। सह-अभियुक्त सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी आजीवन कारावास और जुर्माना लगाया गया। वहीं पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजे का ऐलान किया गया है।
अदालत ने मुकदमा अपराध संख्या 1/22 धारा 302 /201/ 354 ए आईपीसी व 3(1)d अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम पुलकित आर्य को धारा 302 ,धारा 201, धारा 354 ए और आईटीपीए एक्ट की धारा 3(1)d के तहत दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है. वहीं इस मामले में सह अभियुक्त सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को धारा 302 , धारा 201 आईपीसी व3(1)d आईटीपीए एक्ट में दोषी पाते हुए सजा सुनाई है।
पूरा मामला क्या है?
पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक की 22 साल की अंकिता भंडारी की 18 सितंबर 2022 को हत्या कर दी गई थी। वह यमकेश्वर ब्लॉक में ही बने वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। अंकिता भंडारी 18 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनतरा रिजॉर्ट से लापता हो गई थी। 6 दिन बाद 24 सितंबर को चीला पावर हाउस इनटेक में नहर से एसडीआरएफ ने अंकिता भंडारी का शव बरामद किया था। इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुलकित को मुख्य आरोपी बनाया गया था। मामले के खुलासे को लेकर डीआईजी (कानून-व्यवस्था) पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी।
एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया गया। तीनों हत्यारोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी 2023 को मामले की पहली सुनवाई हुई थी।
करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से जांच अधिकारी समेत 47 गवाह अदालत में पेश किए गए। हालांकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश किया गया। गत 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था।