निठारी कांड में नर पिशाच! पांढेर की रिहाई के खिलाफ पीड़ित जाएंगे सुप्रीम कोर्ट, वकालतनामे पर हुए पीड़ितों के हस्ताक्षर

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Noida serial murders case Victims will move to Supreme Court against Pandher’s release, signatures of victims on Vakalatnama

Noida serial murders case Victims will move to Supreme Court against Pandher's release, signatures of victims on Vakalatnama
Noida serial murders case Victims will move to Supreme Court against Pandher’s release, signatures of victims on Vakalatnama

नोएडा के कुख्यात निठारी कांड में आरोपी मुनिंदर सिंह पांढेर की रिहाई के खिलाफ निठारी पीड़ित परिवार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। इस बाबत पीड़ित परिवारों ने वकालतनामे पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। जल्द ही याचिका दायर की जाएगी।

Noida serial murders case Victims will move to Supreme Court against Pandher’s release, signatures of victims on Vakalatnama

निठारी कांड में आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर के रिहा होने के बाद एक बार फिर ये केस जोर पकड़ता दिखाई दे रहा है। निठारी के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए अब डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (डीडीआरडब्ल्यूए) सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। पीड़ित परिवारों के लिए सुप्रीम कोर्ट में डीडीआरडब्ल्यूए ने केस लड़ने का फैसला किया है।

सोमवार को डीडीआरडब्ल्यूए की टीम निठारी गांव पहुंची थी, जहां टीम ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और कागजात आदि लिए। टीम ने परिवारों को भरोसा दिलाया कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगे। इनका यह केस सुप्रीम कोर्ट की वकील अनीता पांडेय लड़ेंगी।

डीडीआरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एनपी सिंह ने बताया कि अभी नोएडा में रहने वाले तीन पीड़ितों ने वकालतनामे पर हस्ताक्षर किए हैं और केस से जुड़े दस्तावेज और साक्ष्य दिए हैं। पूरी तैयारी के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील फाइल की जाएगी।

दरअसल निठारी कांड में बरी होने वाला मोनिंदर सिंह पंढेर 17 साल बाद जेल से रिहा हो गया। लुक्सर जेल से छूटने के बाद वह सीधे चंडीगढ़ रवाना हो गया। नोएडा के निठारी गांव में स्थित डी-5 कोठी के पास 19 कंकाल मिलने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की वकील अनीता पांडे ने कहा कि, “हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को दोबारा से एग्जामिन करे। दोषी को सजा दी जाए। केस बहुत स्ट्रॉन्ग है। मालूम हुआ है कि इन्वेस्टिगेशन ठीक से नहीं की गई है। फिर भी रि-एग्जामिन कर जो पाइंट हाईकोर्ट में नहीं रखा गया, उसको सुप्रीम कोर्ट में रखा जाएगा।”

हाईकोर्ट ने दोनों दोषियों की 14 याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। सुरेंद्र कोली ने 12 मामलों में मिली फांसी की सजा के खिलाफ अपील दाखिल की थी। जबकि मनिंदर सिंह पंढेर ने 2 मामलों में मिली सजा के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी।

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