
दोनों पत्रकारों का आरोप है कि अवैध रेत खनन पर रिपोर्टिंग करने के कारण भिंड के एक थाने में एसपी की मौजूदगी में उनके साथ मारपीट की गई। एनएचआरसी ने कहा कि अगर प्रेस विज्ञप्ति की विषय-वस्तु सही है, तो यह पीड़ित पत्रकारों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
NHRC notice to MP’s DGP over ‘assault’ of journalists by police personnel in Bhind
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने गुरुवार को कहा कि उसने मध्य प्रदेश के एक थाने में दो पत्रकारों के साथ कथित मारपीट की खबरों का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी किया है। आयोग के मुताबिक, उसने डीजीपी को घटना के सिलसिले में दो हफ्ते में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
एनएचआरसी ने एक बयान में कहा, “आयोग ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नयी दिल्ली की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति का स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश के भिंड जिले में जिला पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में पुलिसकर्मियों ने दो पत्रकारों के साथ कथित तौर पर मारपीट की।”
कथित घटना एक मई की बताई जा रही है। दोनों पत्रकारों का आरोप है कि अवैध रेत खनन पर रिपोर्टिंग करने के कारण भिंड के एक थाने में एसपी की मौजूदगी में उनके साथ मारपीट की गई। एनएचआरसी ने कहा कि अगर प्रेस विज्ञप्ति की विषय-वस्तु सही है, तो यह पीड़ित पत्रकारों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
आयोग ने बताया कि उसने मामले में मध्य प्रदेश के डीजीपी को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। गत 25 मई को जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, दोनों पत्रकारों को कथित तौर पर एक वीडियो बयान रिकॉर्ड करने के लिए भी मजबूर किया गया, जिसमें कहा गया कि सभी मामले सुलझा लिए गए हैं।