गुजरातः मोरबी पुल हादसा, बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के खोला गया था पुल, नगर निगम अफसर ने कंपनी पर लगाया आरोप

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Gujarat | Man-made Tragedy? Morbi Bridge Was Opened Without ‘Fitness Certificate’, Claims Official

Gujarat: BJP councillor of Morbi opened a front against the Gujarat government, wrote a letter to Chief Minister Bhupendra Patel
Gujarat: BJP councillor of Morbi opened a front against the Gujarat government, wrote a letter to Chief Minister Bhupendra Patel

कंपनी पर आरोप लगाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री या नगर निगम के अधिकारी ने यह नहीं बताया कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल खोले जाने के मामले में उनकी सरकार या नगर निगम ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।

Gujarat | Man-made Tragedy? Morbi Bridge Was Opened Without ‘Fitness Certificate’, Claims Official

गुजरात के मोरबी जिले में रविवार शाम हुए केबल पुल हादसे में अब तक 60 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है, जबकि अभी भी कई लोग लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए जोरशोर से खोज अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच मोरबी नगर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.वी. जाला ने चौंकाने वाले खुलासे में कहा कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल को जनता के लिए खोल दिया गया।

जाला ने स्थानीय मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “लंबे समय तक यह पुल जनता के लिए बंद रहा.. सात महीने पहले, एक निजी कंपनी को नवीनीकरण और रखरखाव के लिए अनुबंध दिया गया था और निजी कंपनी द्वारा 26 अक्टूबर (गुजराती नव वर्ष दिवस) पर जनता के लिए पुल को फिर से खोल दिया गया था। नगर पालिका ने फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया है।”

उन्होंने यहां तक दावा किया कि हो सकता है कि कंपनी को इंजीनियरिंग कंपनी से फिटनेस सर्टिफिकेट मिला हो, लेकिन उसे आज तक नगर पालिका को जमा नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने उन्हें और नगर निकाय को सूचित किए ही बिना जनता के लिए पुल को फिर से खोल दिया।

यह भी पढ़ें… मोरबी पुल हादसा: मरने वालों की संख्या 141 पहुंची, बड़ी संख्‍या में बच्‍चों की मौत, गुजरात सरकार करागी SIT जांच

वहीं हादसे के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी दावा किया कि आम तौर पर जब पुलों का निर्माण या जीर्णोद्धार किया जाता है, तो इसे जनता के लिए खोलने से पहले, तकनीकी मूल्यांकन आवश्यक होता है और भार वहन क्षमता का परीक्षण किया जाता है इसके बाद ही संबंधित प्राधिकरण द्वारा एक उपयोग प्रमाणपत्र जारी होता है। हालांकि, पटेल ने या नगर निगम अधिकारी ने यह नहीं बताया कि बिन फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल खोलने के मामले में सरकार ने या निगम ने क्या कार्रवाई की।

बता दें कि मोरबी में मच्छू नदी पर बने इस हैंगिंग ब्रिज (केबल पुल) का निर्माण मोरबी राजवंश के शासन सर वाघाजी ठाकोर ने लगभग 150 साल पहले करवाया था, जिसकी लंबाई 233 मीटर थी और यह 4.6 फीट चौड़ी थी। आज हुए हादसे के बाद इलाके में चीख-पुकार मच गया है। अब तक 60 लोगों की मौत की पुष्टि सरकार ने कर दी है, जबकि 70 लोग घायल बताए जा रहे हैं। वहीं अभी भी कई लोगों के लापता होने की बात कही जा रही है, जिनकी तलाश के लिए खोज अभियान जारी है।

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