आदेश में कहा गया है कि अगर दोनों को किसी अन्य मामले में जेल में रखना जरूरी न हो, तो जिला मजिस्ट्रेट गोरखपुर के विवेक के अनुसार, 2 जमानतें और उतनी ही धनराशि का एक मुचलका पेश करने पर जेल से रिहा कर दिया जाए।
Former UP Minister Amarmani Tripathi, Convicted for Killing Poet, to Be Released From Jail
उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई का आदेश जारी किया है। अच्छे आचरण का हवाला देते हुए दोनों की बची हुई सजा खत्म कर दी गई है। राज्यपाल की इजाजत से कारागार प्रसाशन द्वारा रिहाई का आदेश जारी किया गया। दोनों 20 साल बाद रिहा होंगे।
आदेश में कहा गया है कि अगर दोनों को किसी अन्य मामले में जेल में रखना जरूरी न हो, तो जिला मजिस्ट्रेट गोरखपुर के विवेक के अनुसार, 2 जमानतें और उतनी ही धनराशि का एक मुचलका पेश करने पर जेल से रिहा कर दिया जाए।
करीब 20 साल पहले कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी। जांच एजेंसी ने अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को दोषी करार दिया था और कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। बाद में गवाहों को धमकाने के आरोप में इस मामले का मुकदमा देहरादून में स्थानांतरित कर दिया गया था। दोनों बीते 20 साल एक महीना और 19 दिन से जेल में है।
मधुमिता शुक्ला की हत्या कैसे हुई थी?
9 मई 2003 लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में मशहूर कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड से तत्कालीन बीएसपी सरकार में हड़कंप मच गया था. चंद मिनटों में मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने मामले को भांप लिया था। पुलिस को मधुमिता और अमरमणि के प्रेम प्रसंग के बारे में नौकर देशराज ने सूचना पहले ही दे दी थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में आगे की कार्रवाई की थी।
हत्याकांड के बाद देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजा रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।