भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल यूनिट के भीतर संकट अब भी जारी है। शीर्ष नेतृत्व ने कानूनी प्रमुख को तत्काल हटाने का आदेश दे दिया है।
Crisis continues in Bengal unit of BJP, Case registered against Bengal BJP’s legal head on sexual molestation charge
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल यूनिट के भीतर संकट अब भी जारी है। शीर्ष नेतृत्व ने कानूनी प्रमुख को तत्काल हटाने का आदेश दे दिया है। यह कदम राज्य में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के आईटी प्रमुख द्वारा कोलकाता के पोस्टा पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज कराने के बाद उठाया गया है, जिसमें उन पर मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है।
शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों पुरुष हैं। हालांकि, शिकायत में कहा गया है कि राज्य में पार्टी लीगल सेल का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति ने भाजयुमो आईटी प्रमुख से यौन संबंध बनाने की मांग की। दोनों कथित तौर पर पार्टी से संबंधित काम के लिए सिक्किम की यात्रा पर थे जब यह घटना हुई। शिकायतकर्ता ने कहा है कि उनके साथ केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के दो जवान भी थे।
न्यू जलपाईगुड़ी से वापस कोलकाता जाने वाली ट्रेन में इन सुरक्षाकर्मियों ने उनके विरोध करने पर उन्हें धमकाया और उनका मोबाइल फोन और अन्य सामान भी छीन लिया। शिकायतकर्ता ने नोट किया कि सियालदह स्टेशन के बाहर भीड़ जमा होने के बाद ही उसका सामान और फोन लौटा दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के नेता इस घटनाक्रम से बेहद नाराज हैं और उन्होंने राज्य नेतृत्व को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। कानूनी प्रमुख को भी पार्टी के सभी पदों से हटाया जाना है। भाजयुमो आईटी प्रमुख से भी पूछताछ की जाएगी।
राज्य पंचायत चुनावों के लिए सभी राजनीतिक दल कमर कस रहे है। ऐसे में पार्टी की पश्चिम बंगाल यूनिट पहले से ही इस महत्वपूर्ण समय में खराब स्थिति में है। इस तरह की अप्रिय घटनाएं बिल्कुल भी वांछित नहीं हैं। राज्य यूनिट के अंदर बहुत सारी अंदरूनी कलह है और नेताओं को बार-बार एक-दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपना मुंह बंद करने की चेतावनी दी गई है।
दिल्ली में एक शीर्ष नेता ने कहा, न केवल तृणमूल कांग्रेस, बल्कि माकपा भी स्थिति का फायदा उठा रही है। सबसे खास बात यह है कि राज्य में लोगों का स्थानीय नेतृत्व से विश्वास उठ रहा है। ऐसे महत्वपूर्ण समय में उन्हें विरोध और प्रदर्शन के लिए लोगों को लामबंद करना मुश्किल हो रहा है। इससे निराशा हो रही है और फिर नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
राज्य भाजपा ने शिक्षा विभाग में कथित फर्जी भर्ती घोटाले को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर हमला करने का मौका गंवा दिया। दूसरी ओर, माकपा ने इन आरोपों और भ्रष्टाचार के आरोप में तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी को हथियार के रूप में इस्तेमाल करके राजनीतिक आधार हासिल कर लिया है।