दुष्कर्म के एक और कांड में बलात्कारी आसुमल सिरुमलानी हरपलानी उर्फ़ आसाराम बापू को आजीवन कारावास की सजा
Gandhinagar Sessions Court sentenced self-styled godman Asaram to life imprisonment in connection with a decade-old sexual assault case.
अहमदाबाद: गांधीनगर सत्र न्यायालय ने स्वयंभू संत आसाराम को एक दशक पुराने यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। गांधीनगर की अदालत में अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को दावा किया कि आसाराम बापू आदतन अपराधी है और उसने स्वयंभू बाबा पर भारी जुर्माना लगाने के साथ उम्रकैद की सजा सुनाने का अनुरोध किया।
आसाराम बापू को 2013 में एक पूर्व महिला अनुयायी द्वारा दर्ज कराए दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिया गया था। विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर सत्र अदालत के न्यायाधीश डी के सोनी ने सजा पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और अंतिम आदेश दोपहर साढ़े तीन बजे के लिए सुरक्षित रख लिया था।
साराम बापू (81) अभी जोधपुर की एक जेल में बंद है जहां वह राजस्थान में 2013 में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। कोडेकर ने अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा, अदालत द्वारा आसाराम को जिस अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है उसके लिए अधिकतम उम्रकैद या 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है।
लेकिन हमने दलील दी है कि वह जोधपुर में ऐसे ही एक अन्य मामले में दोषी है। अत: वह एक आदतन अपराधी है। उन्होंने अनुरोध किया कि आसाराम को आदतन अपराधी माना जाए तथा सख्त सजा दी जाए। कोडेकर ने बताया कि बचाव पक्ष के वकील ने कहा है कि उन्हें आसाराम बापू को 10 साल की जेल की सजा सुनाने पर कोई आपत्ति नहीं है।
क्या है पूरा मामला ?
ये साल 2013 का मामले है, जिसमें आसाराम पर सूरत की लड़की ने रेप का आरोप लगाया था, जबकि उसकी छोटी बहन ने नारायण साईं पर रेप का आरोप लगाया था। इस मामले में आसाराम के अलावा उसकी पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार महिला अनुयायी ध्रुवबेन, निर्मला, जस्सी और मीरा आरोपी हैं।
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