कलकत्ता हाई कोर्ट ने हावड़ा और दलखोला जिलों के साथ ही पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में रामनवमी के दौरान भड़की हिंसा की जांच एनआईए को सौंप दी है.
Calcutta High Court transfers the probe in the violence that broke out during Ram Navami in Howrah and Dalkhola districts and other parts of West Bengal to the NIA
कलकत्ता हाई कोर्ट ने हावड़ा और दलखोला जिलों के साथ ही पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में रामनवमी के दौरान भड़की हिंसा की जांच एनआईए को सौंप दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल पुलिस को दो हफ्ते के अंदर जांच से संबंधित सभी रिपोर्ट राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का आदेश दिया है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को हावड़ा और दलखोला जिलों के साथ ही पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में रामनवमी के दौरान भड़की हिंसा की जांच एनआईए को सौंप दी है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल पुलिस को दो हफ्ते के अंदर जांच से संबंधित सभी रिपोर्ट राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का आदेश दिया है. बता दें कि हाई कोर्ट का ये आदेश पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दिन भड़की हिंसा की एनआईए जांच की मांग वाली बीजेपी विधायक सुभेंदु अधिकारी की जनहित याचिका पर आया है.
गौरतलब है कि रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर हिंसा भड़की थी. हावड़ा और रिसड़ा में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया था. कई वाहनों को आग लगा दी गई थी. वहीं पत्थरबाजी की घटना के दौरान कई दुकानों में तोड़फोड़ कर दी गई थी. हावड़ा के अलावा कई जिलों से पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आई थी.
वहीं इस मामले में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने दावा किया था कि जुलूस ने एक समुदाय को टारगेट करते हुए हमला करने के लिए खास तौर एक ऐसा रास्ता चुना जिसकी उन्होंने परमीशन ही नहीं ली थी. इस बयान के बाद बीजेपी ने जमकर टीएमसी पर आरोप लगाए थे.
हाई कोर्ट के आदेश से लग सकता है ममता बनर्जी को झटका
सीएम ममता बनर्जी लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुप्रयोग का आरोप लगाती आ रही हैं. ऐसे में अब हाई कोर्ट ने एक बार फिर एक और मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी है. राम नवमी हिंसा मामले की जांच NIA को सौंपे जाने के बाद ये फैसला ममता बनर्जी के लिए किसी झटके से कम नहीं है. वहीं बता दें कि स्कूल शिक्षक भर्ती घोटाला मामला समेत कई और कथित घोटालों की जांच केंद्रीय एजेंसियां पहले ही कर रही हैं