कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि हमने कानूनी लिहाज से मामले को परखा है। पीड़िता की याचिका को हमने सुनवाई योग्य माना है।
Bilkis Bano’s Rapists’ Release Cancelled By Supreme Court
बिलकिस बानो मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि हमने कानूनी लिहाज से मामले को परखा है। पीड़िता की याचिका को हमने सुनवाई योग्य माना है। इसी मामले में जो जनहित याचिकाएं दाखिल हुई हैं, हम उनके सुनवाई योग्य होने या न होने पर टिप्पणी नहीं कर रहे। बता दें कि बिलकिस बाओ मामले में दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
जस्टिस नागरत्ना ने कहा, “जिस कोर्ट में मुकदमा चला था, रिहाई पर फैसले से पहले गुजरात सरकार को उसकी राय लेनी चाहिए थी। जिस राज्य में आरोपियों को सजा मिली, उसे ही रिहाई पर फैसला लेना चाहिए था। सजा महाराष्ट्र में मिली थी। इस आधार पर रिहाई का आदेश निरस्त हो जाता है।”
जस्टिस नागरत्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सजा इसलिए दी जाती है कि भविष्य में अपराध रुके। अपराधी को सुधरने का मौका दिया जाता है लेकिन पीड़ित की तकलीफ का भी एहसास होना चाहिए।
इससे पहले कोर्ट ने 11 दिनों की व्यापक रूप से सुनवाई की थी। इस दौरान केंद्र और गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा माफ करने से संबंधित मूल रिकॉर्ड पेश किए थे। गुजरात सरकार ने दोषियों की रिहाई को उचित ठहराते हुए कहा था कि इन लोगों ने सुधारात्मक सिद्धांत का पालन किया है।
दरअसल, बिलकिस बानो ने गैंगरेप के 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ 30 नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थीं। याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की गई थी। बता दें बिलकिस बानो और उनके परिवार के सदस्यों के साथ दरिंदगी 2002 के गुजरात दंगों के दौरान की गई थी।