जिगाना एक अर्ध-स्वचालित पिस्तौल है जो तुर्की की बन्दूक निर्माण कंपनी टीआईएसएएस द्वारा निर्मित है। इस पिस्तौल की कीमत करीब 6 से 7 लाख रुपए है। ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि अतीक के कातीलों के पास यह पिस्तौल कैसे पहुंची।
Attackers on Atiq used Turkey-Made state-of-the-art Jigana pistol cost 7 lakhs, banned in India
उत्तर प्रदेश पुलिस ने खुलासा किया है कि प्रयागराज में गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या करने वाले तीन हमलावरों ने अत्याधुनिक जिगाना पिस्तौल का इस्तेमाल किया था, जो भारत में प्रतिबंधित है। तुर्की निर्मित इस पिस्तौल की कीमत करीब 6 से 7 लाख रुपए है। ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि अतीक के कातीलों के पास यह पिस्तौल कैसे पहुंची।
गौरतलब है कि जिगाना एक अर्ध-स्वचालित पिस्तौल है जो तुर्की की बन्दूक निर्माण कंपनी टीआईएसएएस द्वारा निर्मित है। उक्त पिस्तौल का उत्पादन 2001 में शुरू हुआ था और यह मूल डिजाइन वाली तुर्की की पहली पिस्तौलों में से एक है। जि़गाना पिस्तौल में संशोधित ब्राउनिंग-टाइप लॉकिंग सिस्टम के साथ लॉक-स्लाइड शॉर्ट रिकॉइल ऑपरेटिंग तंत्र है। ये भारत में प्रतिबंधित हैं।
अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार दोनों शनिवार की रात एक अस्पताल से मेडिकल जांच कराने के बाद बाहर आ रहे थे, तभी मीडिया ने उन्हें घेर लिया। अचानक दो पत्रकारों ने अपना-अपना कैमरा और माइक गिरा दिया और अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उन्हें मार डाला। पुलिसकर्मी मान सिंह को चोटें आईं और हमलावरों में से भी एक घायल हो गया।
इसके बाद शूटर लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह और अरुण मौर्य ने अपने हथियार गिरा दिए। इस घटना को कवर कर रहे कुछ पत्रकारों को भी मामूली चोटें आई हैं। इसमें आगे कहा गया है कि पूछताछ के दौरान तीनों ने खुलासा किया कि वे अतीक और अशरफ के गिरोह को खत्म करना चाहते थे और राज्य में अपना नाम करना चाहते थे, ताकि भविष्य में उन्हें फायदा हो सके। पुलिस की कड़ी निगरानी का अंदाजा नहीं लगा पाने के कारण हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद भाग नहीं सके। तीनों हमलावरों ने कहा कि वे हमला करने के लिए सही मौके का इंतजार कर रहे थे।