मोदी राज में पिछले 5 साल में करीब 3000 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई

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About 3000 incidents of communal violence took place in the last 5 years of the Modi government, the government’s reply revealed

About 3000 incidents of communal violence took place in the last 5 years of the Modi government, the government’s reply revealed
About 3000 incidents of communal violence took place in the last 5 years of the Modi government, the government’s reply revealed

नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि साल 2021 में सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों के 378, 2020 में 857, 2019 में 438, 2018 में 512 और 2017 में 723 मामले दर्ज किए गए।

About 3000 incidents of communal violence took place in the last 5 years of the Modi government, the government’s reply revealed

देश में पिछले पांच सालों के दौरान 2900 से ज्यादा सांप्रदायिक हिंसा के मामले सामने आए हैं। केन्द्र सरकार ने राज्यसभा में अपने जवाब में ये जानकारी दी है। हालांकि पिछले सालों के मुकाबले 2021 में इन मामलों में कमी देखी गई। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया कि साल 2017 से 2021 के बीच सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों से जुड़े 2,908 मामले दर्ज किए गए।

नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि साल 2021 में सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों के 378, 2020 में 857, 2019 में 438, 2018 में 512 और 2017 में 723 मामले दर्ज किए गए। हालांकि उन्होंने कहा कि एनसीआरबी भीड़ द्वारा हत्या के सम्बन्ध में अलग से कोई आंकड़े नहीं रखता है।

नित्यानंद राय ने कहा कि चार जुलाई, 2018 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि इसमें राज्यों से हिंसा भड़काने की संभावना वाली फर्जी खबरों और अफवाहों के प्रसार पर नजर रखने, उनका प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने और कानून अपने हाथ में लेने वाले व्यक्तियों से सख्ती से निपटने के लिए कहा गया था।

राय ने कहा कि इसके अलावा, 2018 में 23 जुलाई और 25 सितंबर को राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को परामर्श जारी किए गए थे, जिसमें उनसे देश में भीड़ की हिंसा जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय करने के लिए कहा गया था

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