
यह मजदूर भारत-चीन सीमा के पास स्थित चमोली के माणा गांव के पास बीआरओ के निर्माण कार्य में लगे हुए थे। 28 फरवरी को अचानक ग्लेशियर टूट गया और वहां मौजूद 54 मजदूर इसकी चपेट में आ गए।
At least 4 killed, some still missing, in avalanche in India’s Uttarakhand
उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में बीते 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। चमोली के डीएम संदीप तिवारी ने कहा, “कल देर रात डॉक्टरों ने 4 मौतों की पुष्टि की है। पहले कुल संख्या 55 थी, लेकिन अब हमें जानकारी मिली है कि इनमें से एक कर्मचारी अनधिकृत छुट्टी पर था, और वह घर चला गया था। तो अब कुल संख्या 54 हो गई है, जिनमें से 4 लोग अभी भी लापता हैं, लापता लोगों के लिए बचाव अभियान जारी है।”
सभी मजदूर भारत-चीन सीमा के पास स्थित चमोली के माणा गांव के पास बीआरओ के निर्माण कार्य में लगे हुए थे। 28 फरवरी को अचानक ग्लेशियर टूट गया और वहां मौजूद 54 मजदूर इसकी चपेट में आ गए।
हादसे के बाद भारतीय सेना और अन्य बचाव दलों ने बर्फ में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान 51 मजदूरों को रेस्क्यू किया गया, जिनमें से बाद में चार मजदूरों की जान चली गई। इसके अलावा एक मजदूर अपने घर पहुंच गया है और बाकी चार की तलाश की जा रही है।
चमोली के जिलाधिकारी ने बीआरओ के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि जो मजदूर लापता हैं, उनके घर फोन कर जानकारी प्राप्त की जाए। बीआरओ को पता चला कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा निवासी सुनील कुमार अपने घर पहुंच गया है।
इस बीच, वायु सेना का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखंड सरकार के 2 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस राहत एवं बचाव कार्य में लगाए गए हैं।
अधिकारी के अनुसार, माणा गांव में रविवार सुबह ऑपरेशन फिर से शुरू कर दिया गया है। सेना और आईटीबीपी द्वारा माणा एवलांच प्वाइंट पर आज सुबह एक बार फिर से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। अभी भी 4 श्रमिक लापता हैं। एक मजदूर अपने घर सुरक्षित पहुंच गया है।
जो चार श्रमिक लापता हैं, उनमें हिमाचल प्रदेश का हर्मेश चंद, उत्तर प्रदेश का अशोक, उत्तराखंड का अनिल और अरविंद कुमार शामिल हैं। इसके अलावा जिन मजदूरों की मौत हुई है, उनमें हिमाचल प्रदेश का जितेंद्र सिंह और मोहिंद्र पाल, उत्तर प्रदेश का मंजीत यादव और उत्तराखंड का अलोक यादव शामिल हैं।