गोसल ने हाल ही में घोषणा की थी कि 17 फरवरी को टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थक रैली आयोजित की जाएंगी।
Another Sikh separatist’s house hit by gunfire in Canada
कनाडा के ओंटारियो प्रांत में खालिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून से जुड़े एक सिख अलगाववादी के घर पर गोलीबारी की गई है, जो भारत में एक नामित आतंकवादी है। यह घटना प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स के नेता हरदीप सिंह निज्जर के “दोस्त” सिमरनजीत सिंह के सरे स्थित घर पर गोलीबारी के कुछ ही दिनों बाद हुई है, जो भारत में नामित आतंकवादी है, जिसकी पिछले सालब्रिटिश कोलंबिया में एक सिख मंदिर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
द गार्जियन के अनुसार, सोमवार को ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थक इंद्रजीत सिंह गोसल के एक अधूरे घर की खिड़की में गोली का छेद पाया गया।
हालांकि किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। पील क्षेत्रीय पुलिस पुष्टि की कि एक गोली का छेद पाया गया है । पील क्षेत्रीय पुलिस के कांस्टेबल टायलर बेल-मोरेना ने कहा कि गोलीबारी को खालिस्तान आंदोलन में गोसल की भूमिका से जोड़ना बहुत जल्दी है।
गोसल ने हाल ही में घोषणा की थी कि 17 फरवरी को टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थक रैली आयोजित की जाएंगी।
रिपोर्ट के अनुसार, गोसल पन्नून के साथ मिलकर काम करता है, जो प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस का मुख्य कानूनी सलाहकार है और अमेरिका में एक असफल हत्या के प्रयास का निशाना था।
गोलीबारी की घटनाएं ऐसे समय में हुई हैं जब भारत और कनाडा ने एक-दूसरे पर उनके “आंतरिक मामलों” में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है।
पिछले साल जून में कनाडा की धरती पर निज्जर की हत्या में भूमिका निभाने का नई दिल्ली पर आरोप लगाने के कुछ महीने बाद, हाल ही में कनाडा ने भारत को एक “विदेशी खतरा” बताया, जो संभावित रूप से उनके चुनावों में हस्तक्षेप कर सकता है।
भारत ने कनाडाई एजेंसियों द्वारा लगाए गए “हस्तक्षेप” के आरोप को “बेतुका” और “प्रेरित” बताते हुए से इनकार किया।
भारत ने कहा कि कनाडा ही भारत के आंतरिक मामलों में दखल देता रहा है। भारत ने बार-बार कहा है कि कनाडा अपनी धरती पर अलगाववादियों, आतंकवादियों और भारत विरोधी तत्वों को शरण देता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “दूसरे देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करना भारत सरकार की नीति नहीं है। इसके विपरीत कनाडा हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है।”