कोरोना के बाद कम उम्र के 6 लाख लोग हुए हार्ट अटैक का शिकार – सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने संसद में दी जानकारी

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After COVID, 6 lakh underage people got heart attack, Rajya Sabha MP Priyanka Chaturvedi gave information in Parliament.

After COVID, 6 lakh underage people got heart attack, Rajya Sabha MP Priyanka Chaturvedi gave information in Parliament.
After COVID, 6 lakh underage people got heart attack

कोविड के गंभीर स्वरूप में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जो दवाइयां बताई गई, क्या उसमें कहीं कोई कमी रह गई। प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यसभा में कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विषय है।

After COVID, 6 lakh underage people got heart attack, Rajya Sabha MP Priyanka Chaturvedi gave information in Parliament.

भारत में 50 वर्ष से कम आयु के 5 लाख से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई है। शुक्रवार को यह जानकारी राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने दी। उन्होंने कहा कि फाईजर की वैक्सीन जो अमेरिका में कई लोगों को लगाई गई थी, जब उन पर दबाव आया, तो अब जाकर उन्होंने बताया है कि इस वैक्सीन के क्या-क्या साइड इफेक्ट हैं। उन्होंने कहा कि शायद हमें इस पर भी आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है।

कोविड के गंभीर स्वरूप में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जो दवाइयां बताई गई, क्या उसमें कहीं कोई कमी रह गई। प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यसभा में कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विषय है। इस पर खास तौर पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस विषय पर गाइडलाइंस दिए हैं लेकिन वह इतनी पुख्ता नहीं है कि इस समस्या का समाधान दे सकें।

शुक्रवार को राज्यसभा में उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें हृदय रोग की कोई समस्या नहीं थी, लेकिन अचानक हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई। राज्यसभा सांसद ने इसे कोरोना से जोड़ा। उन्होंने कहा कि भारत में हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इस विषय पर थोड़ी और ज्यादा रिसर्च कर डाटा एकत्र करना चाहिए। इसके जरिए यह देखा जाना चाहिए कि कोरोना के उपरांत क्या प्रभाव हो रहे हैं। इसके साथ ही यह भी देखा जाना चाहिए कि जो दवाई व जो वैक्सीन है, उसको लेकर हमें रिसर्च, फ्रेमवर्क बनाना पड़ेगा।

राज्यसभा में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय को फ्रेमवर्क बनाना होगा कि 50 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों में हार्ट अटैक को कैसे काबू में ला सकते है। उन्होंने कहा कि लैंसेट (रिसर्च पत्रिका) की स्टडी बताती है कि भारत में 5 से 6 लाख लोगों की हार्ट अटैक से मृत्यु हुई है और यह सभी 50 वर्ष से कम आयु के थे। यह सिर्फ उनके परिवारों के लिए ही बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी दुख का विषय है। युवाओं की हार्ट अटैक से मृत्यु होना चिंता का कारण है।

चतुर्वेदी के मुताबिक कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां क्रिकेट खेलते खेलते हुए खिलाड़ी की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। उन्होंने कहा कि मैं स्वास्थ्य मंत्रालय से डेटाबेस बनाने की अपील करती हूं। रोज हम इस प्रकार की खबरों से रूबरू हो रहे हैं कि कभी कोई क्रिकेट खेलते खेलते तो कोई डांडिया करते-करते हार्ट अटैक से मर रहा है, जबकि इन व्यक्तियों की हृदय रोग की कोई हिस्ट्री नहीं थी। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रेन में बीते दिनों 38 साल के एक स्वस्थ युवा को अचानक हार्ट अटैक आया।

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