सुलगता मणिपुरः कुकी-ज़ो प्रोफेसर का केस लड़ने वाले वकील के घर-ऑफिस पर हमला

admin

Manipur | Premises of Kuki professor’s two Meitei lawyers vandalised

Manipur | Premises of Kuki professor’s two Meitei lawyers vandalised
Manipur | Premises of Kuki professor’s two Meitei lawyers vandalised

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने मणिपुर में भीड़ द्वारा एक वकील के घर और कार्यालय में तोड़फोड़ की निंदा की है। हाईकोर्ट में कुकी-ज़ो समुदाय से आने वाले हैदराबाद विश्‍वविद्यालय के एक प्रोफेसर का प्रतिनिधित्व करने के कारण वकील पर यह हमला किया गया था।

Manipur | Premises of Kuki professor’s two Meitei lawyers vandalised

मणिपुर में कुकी-ज़ो समुदाय से आने वाले हैदराबाद विश्‍वविद्यालय के एक प्रोफेसर का हाईकोर्ट में केस लड़ने वाले वकील के घर और कार्यालय में तोड़फोड़ की सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने बुधवार को कड़ी निंदा की है। एसोसिएशन ने पीड़ित वकील के साथ एकजुटता दिखाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

एससीबीए ने मानद सचिव रोहित पांडे के हस्ताक्षर के तहत जारी एक प्रस्ताव में कहा, “सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन इस बात को रेखांकित करता है कि वकील किसी भी वादी की ओर से पेश होने के लिए स्वतंत्र हैं। किसी भी पक्ष की ओर से पेश न होने के लिए वकीलों को डराने-धमकाने के किसी भी व्यक्ति के प्रयास का न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप का प्रभाव होता है और इसकी कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए।“

शीर्ष अदालत के वकीलों के संघ ने कहा कि उसने उन समाचार रिपोर्टों का “गंभीरता से नोटिस” लिया है, जिनमें कहा गया है कि मणिपुर स्थित वकील सोरैशम चित्तरंजन के घर और कार्यालय में कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की थी, क्योंकि वह वकील की हैसियत से अपने मुवक्किल का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। प्रस्ताव में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन चित्तरंजन के साथ एकजुटता से खड़ा है और राज्य और मणिपुर पुलिस से अनुरोध करता है कि वे संबंधित वकीलों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करें और दोषियों के खिलाफ तत्काल प्रभावी कार्रवाई करें।

प्रोफेसर खाम खान सुआन हौसिंग, जो हैदराबाद विश्‍वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख भी हैं, ने द वायर के पत्रकार करण थापर को दिए एक साक्षात्कार के दौरान मैतेई समुदाय को कथित रूप से बदनाम करने के लिए उनके खिलाफ दर्ज एक आपराधिक शिकायत में इम्फाल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और हौसिंग को कानूनी उपाय अपनाने के लिए मणिपुर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने उन्हें अंतरिम उपाय के रूप में दो सप्ताह की अवधि के लिए किसी भी कठोर कार्रवाई के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की थी। इसके बाद हौसिंग ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां वकील सोरैशम चित्तरंजन ने उनका प्रतिनिधित्व किया।

Follow Us on… Dailyhunt kootwitter fb GOOGLE NEWS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

गाजियाबाद: PAC कैंपस के पास दिखा तेंदुआ, अधिकारियों में दहशत, कमांडेंट ने DFO से कहा- तेंदुआ पकड़वाएं

Leopard seen near PAC campus in Ghaziabad, panic among officers and employees
Leopard seen near PAC campus in Ghaziabad, panic among officers and employees

You May Like

error: Content is protected !!