मोदी सरकार को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहरा दिया है। अदालत ने उनका विस्तारित कार्यकाल घटाकर 31 जुलाई तक कर दिया है।
Supreme Court holds third extension of ED director SK Mishra as illegal
मोदी सरकार को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहरा दिया है। अदालत ने उनका विस्तारित कार्यकाल घटाकर 31 जुलाई तक कर दिया है। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने कहा कि इस साल वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा की जा रही संबंधित समीक्षा के मद्देनजर और सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई तक रहेगा।
मोदी सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, 1984-बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी का कार्यकाल 18 नवंबर, 2023 तक निर्धारित था। पीठ ने, हालांकि ईडी निदेशक के कार्यकाल को अधिकतम पांच साल तक बढ़ाने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में संशोधन की पुष्टि की। शीर्ष अदालत ने ईडी प्रमुख को दिये गये तीसरे सेवा विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आठ मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कांग्रेस ने दायर की थी याचिकाएं
न्यायालय ने इन याचिकाओं पर गत वर्ष 12 दिसम्बर को केंद्र सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया था। न्यायालय ने जया ठाकुर की याचिका पर केंद्र सरकार, केंद्रीय सतर्कता आयोग और ईडी निदेशक को नोटिस जारी किये थे। ठाकुर ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार पर अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रवर्तन एजेंसियों का दुरुपयोग करके लोकतंत्र की बुनियादी संरचना को नष्ट करने का आरोप लगाया गया था। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और साकेत गोखले ने भी ईडी प्रमुख के सेवा विस्तार के खिलाफ याचिकाएं दायर की थीं।
जानें कितनी बार बढ़ा सेवा विस्तार
बासठ-वर्षीय मिश्रा को पहली बार 19 नवंबर, 2018 को दो साल के लिए ईडी का निदेशक नियुक्त किया गया था। बाद में, 13 नवंबर, 2020 के एक आदेश के जरिये केंद्र सरकार ने नियुक्ति पत्र को पूर्वव्यापी रूप से संशोधित किया और उनका दो साल का कार्यकाल बदलकर तीन साल कर दिया गया। सरकार ने पिछले साल एक अध्यादेश जारी किया था, जिसके तहत ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) प्रमुखों को दो साल के अनिवार्य कार्यकाल के बाद तीन साल का सेवा विस्तार दिया जा सकता है।