सीजेआई ने कहा कि सभी पक्ष 25 जुलाई तक अपने जवाब दाखिल कर सकते हैं। 2 अगस्त से मंगलवार से गुरुवार तक डे-टू-डे सुनवाई होगी।
Supreme Court To Hear Article 370 Petitions From August 2
Supreme Court’s five-judge Constitution bench says hearing of a batch of pleas challenging the abrogation from of Article 370 from Jammu and Kashmir will start from August 2.
जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने कहा है कि वो 2 अगस्त से इस मामले की सुनवाई शुरू करेंगे।
पीठ ने सभी पक्षकारों से अपना जवाब देने के लिए कहा है। सीजेआई ने कहा कि सभी पक्ष 25 जुलाई तक अपने जवाब दाखिल कर सकते हैं। 2 अगस्त से मंगलवार से गुरुवार तक डे-टू-डे सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि सोमवार को केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का बचाव करते हुए एक हलफनामा दायर किया। केंद्र ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि 2019 के बाद से पूरे क्षेत्र ने शांति, प्रगति और समृद्धि का एक अभूतपूर्व युग देखा है, और आतंकवाद-अलगाववादी एजेंडे के साथ पथराव की घटनाएं जो 2018 में 1,767 थीं, 2023 में अब तक शून्य पर आ गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जवाबी हलफनामे में गृह मंत्रालय ने कहा कि आतंकवादियों और अलगाववादी नेटवर्क द्वारा की गई सड़क हिंसा अब अतीत की बात बन गई है। हलफनामे में कहा गया है, “2018 में संगठित बंद/हड़ताल की 52 घटनाएं हुईं, जो 2023 में अब तक शून्य हो गई हैं। इसके अलावा, आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर दिया गया है। आतंकवादी भर्ती में महत्वपूर्ण गिरावट आई है – 2018 में 199 से 2023 में अब तक 12 है।“
हलफनामे में कहा गया है कि आतंकवादी घटनाओं में 45.2 प्रतिशत की कमी आई है – 2018 में 228 से घटकर 2022 में 125 और घुसपैठ में 90.2 प्रतिशत की कमी आई है। कानून और व्यवस्था की घटनाओं में भी 97.2 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आई है। साथ ही सुरक्षा बलों के हताहत होने की संख्या 2018 में 91 थी, जो घटकर 2022 में 31 हो गई।
बता दें कि केंद्र ने 5 मई 2019 को पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा निरस्त कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख के रूप में विभाजित कर दिया था।