दिल्ली के स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर दीपेंद्र पाठक ने कहा कि दिल्ली के कई इलाकों में पेट्रोलिंग की जा रही है। अपराध, आपराधिक छावनी पर दबिश इस पेट्रोलिंग का मुख्य उद्देश्य है। यह पेट्रोलिंग एक संस्थागत व्यवस्था है।
Over 1,500 people detained, 270 vehicles seized by Delhi police during night patrol
दिल्ली पुलिस ने प्रगति मैदान टनल लूट कांड के बाद बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने बीती रात राजधानी के मध्य जिला क्षेत्र से करीब 1,587 लोगों को हिरासत में लिया। इन लोगों को सीआरपीसी की धारा 107/151 के तहत हिरासत में लिया गया।
खबरों के मुताबिक, बीती रात दिल्ली पुलिस ने मध्य जिले में पेट्रोलिंग कर टनल लूट से जुड़े आरोपियों की धर-पकड़ की। इस दौरान पुलिस ने संदेह के आधार पर इन लोगों को एहतियातन हिरासत में ले लिया।
एक साथ इतने लोगों की क्यों हुई गिरफ्तारी?
एक साथ इतने लोगों की गिरफ्तारी पर दिल्ली के स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर का बयान आया है। स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर दीपेंद्र पाठक ने कहा कि दिल्ली के कई इलाकों में पेट्रोलिंग की जा रही है। अपराध, आपराधिक छावनी पर दबिश इस पेट्रोलिंग का मुख्य उद्देश्य है। यह पेट्रोलिंग एक संस्थागत व्यवस्था है। आगे आने वाले दिनों में कब यह पेट्रोलिंग होगी, किस दिन होगी इसे गुप्त रखा जाता है, जिससे अचानक से किसी घटना और अपराध पर रोक लग सके।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने अधिकतर ऐसे इलाकों में पेट्रोलिंग की जहां अपराध की ज्यादा घटनाएं होती हैं। यहां से पुलिस ने शांति भंग की आशंका में बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस ने इन्हें सीआरपीसी की धारा 107/151 के तहत गिरफ्तार किया, जिसमें वकील के जरिए ही जमानत मिल जाती है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोगों को पुलिस ने रिहा भी कर दिया है।
धारा 107/151 में क्या प्रवधान है?
जब किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा शाती भंग करने का डर होता है, तब पुलिस उन व्यक्तियों के खिलाफ सीआर.पी.सी. कि धारा 107/150/151 के तहत कलंदरा की नोटिस भेजती है और उनपर चाप्टर केस कर के उनसे बॉन्ड लेती है।
धारा 151 के तहत पुलिस को संघेय अपराध में बिना किसी वारंट के सीधे गिरफ्तार करने की शक्ति प्राप्त है। सीआर.पी.सी. की धारा 151 के अंतर्गत पुलिस को यह शक्ति प्राप्त होती है कि वे किसी भी व्यक्ति को संदेह के आधार पर गिरफ्तार कर सकती है। भले ही उसने कोई अपराध नहीं किया हो, अगर पुलिस अधिकारी को यह लगता है कि अगर उस व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किआ गया तो वह व्यक्ति कोई न कोई संज्ञेय अपराध जरूर कर सकता है।
धारा 151 के तहत गिरफ्तार किए गए किसी भी व्यक्ति को 24 घंटे से अधिक पुलिस हिरासत में नहीं रख सकती। गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर व्यक्ति को संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना होता है। पुलिस जब भी किसी व्यक्ति को धारा 151 के अंतरगत गिरफ्तार करती है तो उसे आमतौर पर एस.डी.एम. के न्यायालय में पेश करती है।
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