बंगाल में घर की छत पर चल रही अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत

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Three of a family dead in blaze at illegal firecracker factory in Bengal

Three of a family dead in blaze at illegal firecracker factory in Bengal
Three of a family dead in blaze at illegal firecracker factory in Bengal

पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में मंगलवार को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह फैक्ट्री इंग्लिश बाजार नगर पालिका के राठबाड़ी इलाके में स्थित है।

Three of a family dead in blaze at illegal firecracker factory in Bengal

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के बजबज इलाके में अवैध पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट में एक नाबालिग और दो महिलाओं की मौत हो गई और कई लोग झुलस गये. सभी मृतक एक ही परिवार के थे. राज्य सरकार ने अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस ने सोमवार को बताया कि यह घटना दक्षिण 24 परगना थाना क्षेत्र में रविवार शाम करीब साढ़े आठ बजे हुई जिसमें जमुना दास (65), उनकी बेटी पंपा घाटी और उनकी नातिन जयश्री (10) की मौत हो गई. बीते एक हफ्ते में पश्चिम बंगाल में यह इस तरह की दूसरी बड़ी घटना है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि राज्य सरकार ने घटना की सीआईडी ​​जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि घर की छत पर स्थित पूजा घर में शाम के वक्त जो अगरबत्ती जलाई गई थी उसकी आग अवैध रूप से रखे विस्फोटकों में फैल गई और उसी से विस्फोट हुआ.’ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात में कम से कम 30 लोगों को, इलाके में अवैध रूप से पटाखा बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया और छापेमारी के दौरान अलग-अलग घरों से भारी मात्रा में विस्फोटक जब्त किए. उन्होंने बताया कि इस घटना में कितने लोग झुलसे हैं, फिलहाल पुलिस के पास इसकी कोई जानकारी नहीं है.

डायमंड हार्बर पुलिस जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘हादसे में एक नाबालिग और दो महिलाओं को पास के ईएसआई अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनके मकान की छत पर एक अवैध पटाखा निर्माण इकाई थी जहां विस्फोट हुआ.’ अधिकारी ने बताया, ‘हमने इलाके में छापेमारी कर पटाखे बनाने में इस्तेमाल होने वाले कम से कम 20,000 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किए हैं. साथ ही इस अवैध कारोबार के आरोप में 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. छापेमारी जारी है, पुलिस घटना की जांच कर रही है.’

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस के बयान का विरोध करते हुए दावा किया कि जब्त विस्फोटक “कानूनी रूप से खरीदे गए” थे और उन्हें पटाखे बनाने के लिए लाइसेंस मिले हुए हैं. इलाके की एक पटाखा निर्माण इकाई के मालिक सजल दास ने कहा, ‘यह यातनापूर्ण है. हम पटाखों के निर्माण के लाइसेंस धारक हैं. पुलिस ने जो विस्फोटक साम्रगी हमसे जब्त की है, हमने उन्हें कानूनी रूप से खरीदी थी… पुलिस ने उसे गलत तरीके से जब्त किया है. हम गरीब लोग हैं और यह निश्चित रूप से हमारी आजीविका को नष्ट कर देगा.’ दक्षिण 24 परगना के बजबज इलाके में पटाखों का उद्योग तेजी से बढ़ रहा है.

इस घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा और एगरा विस्फोट की तरह इस घटना की एनआईए जांच की मांग की. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने छापेमारी के दौरान रात में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की. गौरतलब है कि 16 मई को पूर्वी मेदिनीपुर के एगरा इलाके में एक अवैध पटाखा कारखाने में हुए भीषण विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी. उस विस्फोट के मुख्य आरोपी की 19 मई को ओडिशा के कटक के एक अस्पताल में मौत हो गई.

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