बार एसोसिएशन सचिव नितिन यादव ने कहा कि जब से गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू हुआ है, तब से वकीलों पर ज्यादती बढ़ गई है। पुलिस अधिकारियों की कोर्ट अब शांतिभंग में गिरफ्तार होने वाले ज्यादातर लोगों को सीधे जेल भेज रही है।
Lawyers strike in Uttar Pradesh’s Ghaziabad continues for third day, alleges police excesses
दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बार एसोसिएशन के बैनर तले वकील तीसरे दिन यानी बुधवार को भी हड़ताल पर हैं। हालांकि उनके साथी वकील पवन त्यागी की मंगलवार की रात ही रिहाई हो गई है। बार एसोसिएशन की आपात बैठक बुधवार सुबह अध्यक्ष योगेंद्र कौशिक राजू की अध्यक्षता में हुई। बैठक में चर्चा हुई कि निवाड़ी थाना पुलिस ने उनके साथी अधिवक्ता पवन त्यागी को शुरुआत में सीआरपीसी-151 में जेल भेजा। बाद में पवन और कुछ लोगों पर आईपीसी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया। ये पुलिस की हठधर्मिता और तानाशाही को दर्शाता है। वकीलों ने मंगलवार को इसे लेकर दिनभर प्रदर्शन किया। आखिरकार पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा। एसीपी कोर्ट ने पवन त्यागी का रिलीज ऑर्डर जारी किया। उसे हाथोंहाथ जेल पहुंचाया गया और फिर पवन त्यागी की रिहाई कराई गई।
बार एसोसिएशन सचिव नितिन यादव ने कहा कि जब से गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू हुआ है, तब से वकीलों पर ज्यादती बढ़ गई है। पुलिस अधिकारियों की कोर्ट अब शांतिभंग में गिरफ्तार होने वाले ज्यादातर लोगों को सीधे जेल भेज रही है। जबकि इससे पहले इन लोगों को कोर्ट में पेश होते ही जमानत मिल जाती थी। सचिव ने कहा कि सीआरपीसी 151 में पकड़े जाने का मतलब ही ये होता है कि मामला बहुत गंभीर नहीं है। ऐसे में पुलिस कोर्ट को अपनी पॉवर का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। सचिव ने कहा कि आज इसे लेकर करीब चार हजार से ज्यादा वकील हड़ताल पर रहेंगे।
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