घटना स्थल पर बदइंतजामी को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। क्योंकिं लाखों लोग कई घंटे तक तेज धूप के नीचे खड़े थे। कार्यक्रम देखने के लिए ऑडियो और वीडियो प्लेयर भी लगाए गए थे। आयोजकों से भीड़ को धूप से बचाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हो सका।
Huge crowd gathered at Maharashtra Bhushan Award Ceremony, 11 died due to heat, 120 people sick
मुंबई में एक विशाल समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सुधारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी को ‘महाराष्ट्र भूषण 2022’ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद एक त्रासदी में कम से कम 11 लोगों की लू लगने से मौत हो गई और 120 लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
आपदा की खबर सुनते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य लोग नवी मुंबई के एमजीएम अस्पताल पहुंचे और वहां भर्ती श्रद्धालुओं का हाल जाना। शिंदे ने बाद में मीडियाकर्मियों से कहा, दुखद खबर है.. लू लगने से करीब सात-आठ लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की और कहा कि अन्य मरीजों की ठीक से देखभाल की जा रही है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक सरकारी समारोह था और इसलिए इसमें शामिल होने वालों की सुरक्षा उसका कर्तव्य है। उन्होंने मांग की, इतने सारे लोगों की जान चली गई है। सरकार पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। लोंढे ने गर्मी के चरम पर खुले मैदान में इस तरह के बड़े आयोजन को सरकार की ओर से ‘लापरवाही’ करार दिया।
उद्धव ठाकरे का सरकार पर हमला, पूछा- कौन करेगा जांच?
उद्धव ठाकरे के कहा कि जिन लोगों का इलाज चल रहा है, हमने उनसे मुलाकात की, 4-5 लोगों से बातचीत की, उनमें से दो की हालत गंभीर है। इस कार्यक्राम की योजना ठीक से नहीं बनाई गई थी। उन्होंने पूछा कि इस घटना की जांच कौन करेगा?
नेताओं ने की घायलों से मुलाकात
उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और एनसीपी नेता अजीत पवार ने एमजीएम कमोठे अस्पताल पहुंचकर खारघर में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज करा रहे लोगों से मुलाकात की। NCP नेता अजीत पवार ने कहा कि पुरस्कार देने के लिए दोपहर का समय तय किया गया। सभी को पता है कि अप्रैल के महीने में दोपहर को गर्मी कितनी होती है। ये बहुत बड़ा हादसा है, हमने अस्पताल में लोगों ने मुलाकात की है।
दरअसल, अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान अप्पासाहेब धर्माधिकारी के प्रति समर्पण के उदाहरण के रूप में 42 डिग्री सेल्सियस तापमान में धैर्यपूर्वक बैठने के लिए लोगों को सलाम किया था। आयोजकों ने दावा किया था कि मेगा-इवेंट में लगभग 20 लाख लोग शामिल हुए थे और शिंदे ने गर्व से घोषणा की थी कि कैसे इसने पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लेकिन घटना स्थल पर बदइंतजामी को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। क्योंकिं लाखों लोग कई घंटे तक तेज धूप के नीचे खड़े थे। कार्यक्रम देखने के लिए ऑडियो और वीडियो प्लेयर भी लगाए गए थे। आयोजकों से भीड़ को धूप से बचाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हो सका।