मनीष सिसोदिया ने कहा कि होली मेरे लिए भी है, त्योहार मेरा भी है. इसलिए उन्होंने बेल की अपील की है. वहीं, उनका कहना है कि वह 9 तारीख को फिर वापस आने को तैयार हैं.
Manish Sisodia’s bail plea in liquor policy case to be heard on March 10; CBI seeks 3-day extension in custody
राजधानी दिल्ली में आबकारी नीति के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की हिरासत में लिए गए पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत पर राउज एवेन्य कोर्ट का फैसला रिजर्व कर लिया है. अब 10 मार्च की दोपहर 2.00 बजे सिसोदिया की बेल पर सुनवाई होगी. बेल एप्लीकेशन को लेकर सुनवाई की तारीख तय करने की बात की जा रही है. मनीष सिसोदिया के पक्ष से कहा गया है कि त्योहार उनके लिए भी है, बेल दे दीजिए, वह फिर 9 तारीख को वापस आने को तैयार हैं.
इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर आपको लगता है कि रिमांड का आदेश गलत है, तो उसे हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. बचाव पक्ष का कहना है कि मनीष सिसोदिया की पत्नी की तबीयत सही नहीं है. पिछले 20 साल से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. बचाव पक्ष का कहना है कि सीबीआई को अब रिमांड नहीं मिलनी चाहिए, क्योंकि 5 दिन बहुत होते हैं.
बचाव पक्ष की तरफ से रखी गई ये दलील
मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई ने मेरे घर पर रेड की, दफ्तर में रेड की, मेरे पैतृक घर पर रेड की. इसके बावजूद कुछ नहीं मिला. ऐसे में बचाव पक्ष की तरफ से दलील रखी जा रही है.
वहीं, कहा जा रहा है कि सहयोग नहीं करना बेल न देने का कोई आधार नहीं है और न ही रिमांड इस आधार पर दी जा सकती है. कुछ दस्तावेज जो जांच के लिए जरूरी हैं, वो मिसिंग है.
सीबीआई की तरफ से आया ये जवाब
सीबीआई ने कहा कि अभी तक कुछ अधिकारियों के साथ मनीष सिसोदिया का आमना सामना करवाया गया है. इसके जवाब में सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेटेशन डाली गई थी, इसलिए समय वहां लगा. अलग-अलग गवाहों से आमना-सामना करवाना है. सीबीआई ने 3 और दिन की रिमांड मांगी है.
अदालत ने पूछा कि अब तक कितने घंटे पूछताछ की. इसके जवाब में सीबीआई ने कहा अभी भी सिसोदिया सहयोग नहीं कर रहे हैं. सीबीआई ने कहा कि अभी तक कुछ अधिकारियों के साथ मनीष सिसोदिया का आमना सामना करवाया गया है. सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेटेशन डाली गई थी. इसलिए समय वहां लगा. जांच एजेंसी ने कहा कि अलग अलग गवाहों से आमना सामना करवाना है. जांच एजेंसी ने कहा कि कुछ दस्तावेज जो जांच के लिए जरूरी हैं, वो मिसिंग है.
उधर, बचाव पक्ष ने कहा कि सहयोग नहीं करना बेल न देने का कोई आधार नहीं है और न ही रिमांड इस आधार पर दी जा सकती है.
सिसोदिया से भाजपा ने पूछा सवाल
इस मामले में एक ओर जहां AAP का दावा है कि कहीं कोई करप्शन नहीं हुआ और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है तो वहीं बीजेपी ने आप से 5 सवाल पूछे हैं.
सिसोदिया से भाजपा ने पूछा है कि आबकारी नीति में कार्टेलाइजेशन की अनुमति क्यों दी गई? बीजेपी ने पूछा है कि मैन्युफैक्चरर को रिटेल में क्यों उतारा और बिना कैबिनेट की मंजूरी के नीति क्यों लागू की गई? बीजेपी ने पूछा है अगर नीति अच्छी थी तो आखिर उसे वापस क्यों ले लिया? बीजेपी ने AAP से पांचवा सवाल पूछा है कि 144 करोड़ की लाइसेंस फी क्यों माफ की गई?
उधर, केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि जनवरी में उन्होंने सिसोदिया के कार्यालय से एक कंप्यूटर जब्त किया था. बाद में पता चला कि कंप्यूटर से फाइलें और अन्य डेटा डिलीट कर दिए गए हैं. सीबीआई ने तब हटाए गए फाइलों को पुन: प्राप्त करने के लिए कंप्यूटर को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में भेजा था. अब एफएसएल ने उन्हें रिपोर्ट देकर कंप्यूटर से डिलीट की गई पूरी फाइल को बरामद कर लिया है.