दिव्यांग, आदिवासी और निचली अदालत के अनुभवी वकील को भी HC जज बनाने की सिफारिश
‘Greater Diversity & Inclusion’ | SC Collegium Picks Lawyer With Disabilities, ST Lawyer, Trial Court Practitioner
प्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट्स में जजों की नियुक्ति की सिफारिश करते समय बेंच में समानता और विविधता बढ़ाने की नई पहल की है. तभी तो दिव्यांग वकील को गुजरात हाईकोर्ट का और अनुसूचित जनजाति के वकील को गुवाहाटी हाइकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश की है.
ट्रायल कोर्ट में ढाई दशक से ज्यादा अवधि तक प्रैक्टिस कर चुके वकील को भी हाईकोर्ट जज बनाने की सिफारिश की गई है.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुरुवार को अपनी बैठक में गुजरात हाईकोर्ट में सात जजों और गुवाहाटी हाईकोर्ट में एक जज की नियुक्ति की सिफारिश की है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसफ के कॉलेजियम द्वारा की सिफारिश में दो वकील और पांच निचली अदालत के न्यायिक अधिकारी हैं.
कॉलेजियम बैठक के बाद ये बताया गया कि ट्रायल कोर्ट में 25 साल से ज्यादा वकालत के अनुभवी वकील देवन महेंद्रभाई देसाई और दिव्यांग वकील विधि और न्याय शास्त्र की जानकार मोक्षा किरण ठक्कर को जज नियुक्त किया जाए. जिन पांच न्यायिक अधिकारियों को हाईकोर्ट जज बनाने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की है उनमें सुसान वी पिंटो, हंसमुख भाई डी सुतार, जितेंद्र चंपक लाल दोषी, मंगेश आर मांगड़े और दिव्येश कुमार अमृतलाल जोशी के नाम शामिल हैं.
इनके अलावा असम के आदिवासी समुदाय में जन्मे वकील करदक एट को गुवाहाटी हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश भेजी गई है. हालांकि मौजूदा कोलेजियम इस समावेशी और विविधता भरी बेंच होने की बात कहते हुए खुद को विदेशी साथी के साथ समलैंगिक संबंधों में रहने की बात स्वीकार कर चुके सीनियर एडवोकेट सौरभ किरपाल को भी दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश दोबारा भेज चुका है.