#शर्मनाक । उप्र के कानपुर देहात में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। जहां मडौली गांव में प्रशासन के अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक महिला और उसकी बेटी की जिंदा जलने से मौत हो गई। इसका वीडियो वायरल हुआ है, जो काफी मार्मिक है।
Embarrassing incident in Yogi government, hut caught fire during bulldozer action in Kanpur, mother-daughter burnt alive
आदित्यनाथ सरकार में एक और शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। घटना उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले की है। आरोप है कि रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासन की टीम ने एक परिवार की झोपड़ी पर बुलडोजर चलवा दिया। इसी दौरान उसमें आग लग गई और मां-बेटी की जलकर मौत हो गई। साथ ही बाप-बेटे गंभीर रूप से घायल हो गए। लेकिन प्रशासन बुलडोजर की कार्रवाई को रोका नहीं है। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है। वीडियो में एक आवाज सुनाई दे रही है कि देखो… भैया देखो, मेरी मम्मी जल रही हैं। ये सब गाड़ी छोड़कर भी चले गए हैं। सामने जलती हुई आग की लपटें दिख रही हैं. दो लोगों के जोर-जोर से बिलखने की आवाज आ रही है। घटना के बाद ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए इस मालमे में एसडीएम, लेखपाल, एसओ सहित करीब 24 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है।

क्या है मामला?
कानपुर देहात जिले के रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव निवासी कृष्ण गोपाल दीक्षित के यहां तहसील प्रशासन की टीम बीते सोमवार को अतिक्रमण हटाने गई थी। इसी दौरान परिजनों से नोकझोंक हो गई। आरोप है कि झोपड़ी में कृष्ण गोपाल की पत्नी और बेटी थीं। इसी दौरान उस झोपड़ी पर तहसील प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलवा दिया गया। जैसे ही बुलडोजर झोपड़ी पर चला, उसमें आग लग गई। इससे कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित और उनकी 23 साल की बेटी जिंदा जल गई।
इस घटना के बाद कृष्ण गोपाल और बेटा शिवम चीखता रहे, लोगों से मदद करने की गुहार लगाता रहे। फिर भी कोई फायदा न हुआ। अपनी पत्नी और बेटी को बचाते समय शिवम के पिता कृष्ण गोपाल भी बुरी तरह झुलस गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
इस घटना के बाद पीड़ित परिवार धरने पर बैठ गया है। परिजनों ने मौके से शवों को उठाने से मना कर दिया है। परिवार की मांग है कि जब तक मुख्यमंत्री या डिप्टी सीएम नही आएंगे, तक हम शव नहीं उठाएंगे।
लोगों में फूटा गुस्सा
प्रशासन की कार्रवाई से नाराज ग्रामीणों ने मौके पर जमकर हंगामा काटा। ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम को मौके से खदेड़ दिया। ग्रामीणों ने लेखपाल की गाड़ी भी पलट दी। गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल के साथ पीएसी की भी तैनाती कर दी गई है।
अतिक्रमण हटाने का यह कौन-सा तरीका है कि लोग दुनिया से ही हट जाएं?: कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने इस घटना की निंदा करते हुए ट्वीट कर एक वीडियो जारी किया है। कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर लिखा, कानपुर में अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासन की टीम के सामने ही मां-बेटी ने आग लगाकर जान दे दी और पुलिस तमाशबीन बनी रही। अतिक्रमण हटाने का यह कौन-सा तरीका है कि लोग दुनिया से ही हट जाएं? बाबा! अपनी बुलडोजर नीति को अब भी सम्भालिए या इस खूबसूरत धरती को श्मसान बना कर ही मानेंगे?
समाजवादी पार्टी ने भी योगी सरकार को घेरा है। समाजवादी पार्टी ने कहा कि मृतक का बेटा नाम लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के दोषी ठहरा रहा है। सपा ने सवाल पूछा है कि आप (UP सरकार) लोग हत्या, हत्या की साजिश, वसूली ,धमकाने जैसी संगीन धाराओं में दोषी इन सभी अधिकारियों पर मुकदमा लिख कर कब जेल भेजेंगे? जब से नए कमिश्नर आए हैं नोएडा जैसी वसूली और जमीन के धंधों में जुटे हैं।
वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद कानपुर जिले के पुलिस कमिश्नर, एडीजी और आईजी रेज घटनास्थल पहुंच गए। उन्होंने समझा-बुझाकर परिजनों और ग्रामीणों को शांत कराया। अधिकारियों ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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