उत्तराखंड: जोशीमठ में कुदरत के कहर का सिलसिला जारी, 2 होटल समेत 22 भवन और आए जद में, अब तक 782 मकानों में आई दरारें

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Continuation of devastation continues in Joshimath, along with 2 hotels, 22 more buildings came under landslide, so far 782 houses have

Uttararkhand | Joshimath sank 10 cm every year since 2018, advanced satellite image analysis reveals
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सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजित सिन्हा ने बताया कि गांधीनगर में एक, सिंहधार में दो, मनोहरबाग में पांच, सुनील में सात वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। इन वार्डों में 148 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं।

Continuation of devastation continues in Joshimath, along with 2 hotels, 22 more buildings came under landslide, so far 782 houses have cracks

उत्तराखंड के जोशीमठ में तबाही का सिलसिला जारी है। हर दिन यहां के मकान दरारों की चपेट में आ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को 22 और मकानों में दरारें आ गई हैं। इसके साथ ही जोशीमठ में जिन मकानों में दरारें आई हैं, उनकी संख्या बढ़कर 782 हो गई है।

होटल मलारी इन और माउंट व्यू की तरह ही रोपवे तक जाने वाले रास्ते में स्थित स्नो क्रेस्ट और कॉमेट होटल भी अब भू-धंसाव से तिरछे होने लगे हैं। दोनों मालिकों ने अपने होटलों को खाली करना शुरू कर दिया है। कॉमेट होटल के मालिक देवेश कुंवर के मुताबिक, होटल आपस में चिपकने लगे हैं। सुरक्षा को देखते हुए पहले ही होटल के सामान को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया गया है। कहा कि इसकी जानकारी प्रशासन को भी दे दी गई है।

स्नो क्रेस्ट होटल की मालिक पूजा प्रजापति ने बताया कि साल 2007 से होटल का संचालन किया जा रहा है। गत वर्ष से अभी तक होटल सुधारीकरण का काम किया जा रहा है, इस पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च आया। अब होटल भू-धंसाव से तिरछा होने लगा है, जिससे सामान शिफ्ट करने का काम भी शुरू कर दिया गया है।

जानकारी देने के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने शनिवार शाम तक होटलों का मौका मुआयना नहीं किया था। देर शाम संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी अपनी टीम के साथ मौका-मुआयना किया। वे अपनी रिपोर्ट आज (रविवार) जिलाधिकारी को सौंपेंगे।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजित सिन्हा ने बताया कि गांधीनगर में एक, सिंहधार में दो, मनोहरबाग में पांच, सुनील में सात वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। इन वार्डों में 148 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं। यहां से 223 परिवारों को सुरक्षा के दृष्टि से अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है, जबकि विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 754 है।

सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया कि राहत शिविरों की क्षमता में वृद्धि करते हुए अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 615 कमरों में 2190 लोगों के ठहरने की ववस्था की गई है, जबकि पीपलकोटी में 491 कमरों में 2205 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।

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