चीन पर चर्चा से बचने के लिए 267 के तहत वक्त से पहले ही स्थगति कर दी गई संसद की कार्यवाही, 6 साल से नहीं हुई चर्चा

MediaIndiaLive 21

Parliament proceedings were adjourned ahead of time to avoid discussion on China, discussion has not taken place for 6 years under 267

Parliament proceedings were adjourned ahead of time to avoid discussion on China
Parliament proceedings were adjourned ahead of time to avoid discussion on China

संसद का यह आठवां सत्र था जब निर्धारित समय से पहले ही सत्र का अवसान कर दिया गया। साथ ही 2016 के बाद से राज्यसभा में नियम 267 के तहत एक भी विषय पर चर्चा नहीं हुई है। आखिरी बार हामिद अंसारी के कार्यकाल में नोटबंदी पर चर्चा हुई थी।

Parliament proceedings were adjourned ahead of time to avoid discussion on China, discussion has not taken place for 6 years under 267

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की आक्रामकता को लेकर चर्चा किए बिना ही संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी। हालांकि विपक्ष लगातार इसकी मांग कर रहा था और कई बार इसे लेकर हंगामा भी हुआ।

दरअसल सरकार ने संसद के शीत सत्र को पांच दिन पहले ही स्थगत कर दिया। शीत सत्र 7 दिसंबर को शुरु हुआ था और इसे 29 दिसंबर तक चलना था। लेकिन शुक्रवार 23 दिसंबर को संसद को दोनों सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।

बीते सालों के दौरान ऐसा आठवीं बार हुआ है जब संसद की कार्यवाही निर्धारित समय से पहले ही स्थगित कर दी गई है। वैसे भी हर साल संसद की जितनी बैठकें होनी चाहिए उतनी हो ही नहीं पा रही हैं।

संसद की कार्यवाही स्थगित करने के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सदन की कार्यवाही सभी दलों की सहमति के बाद समय से पहले स्थगित की गई है, लेकिन कुछ विपक्षी सांसदों का कहना है कि शीत सत्र को पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में चुनाव के मद्देनजर देर से शुरु हुआ क्योंकि सभी मंत्री और खुद प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। ऊपर से तय वक्त से पहले ही सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।

इससे पहले कब-कब कम किया गया सदन का कामकाज :

  • इसी साल मॉनसून सत्र को चार दिन कम करते हुए 12 अगस्त के बजाए 8 अगस्त को ही कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया
  • इसी साल बजट सत्र को भी 8 अप्रैल के बजाए एक दिन पहले 7 अप्रैल को खत्म कर दिया गया
  • बीते साल भी शीतकालीन सत्र को 22 दिसंबर 2021 को खत्म कर दिया गया था
  • पिछले साल मॉनसून सत्र को दो दिन पहले खत्म किया गया था
  • पिछले साल बजट सत्र को दो सप्ताह से अधिक समय से पहले ही 25 मार्च को खत्म कर दिया गया था
  • 2020 का मॉनसून सत्र भी एक सप्ताह से अधिक पहले ही 23 सितंबर को खत्म कर दिया गया था, जबकि निर्धारित समय के अनुसार सत्र को 1 अक्टूबर 2020 को खत्म होना था
  • उसी साल बजट सत्र को भी 11 दिन कम करते हुए 3 अप्रैल के बजाए 23 मार्त 2020 को खत्म कर दिया गया था।

तवांग सेक्टर में चीन के दुस्साहस का मुद्दा

हाल में खत्म हुए शीत सत्र में विपक्षी सांसद दोनों सदनों में सरकार से तवांग क्षेत्र में चीन के दुस्साहस पर चर्चा की मांग कर रहे थे। लेकिन दोनों ही सदनों के सभापतियों ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया।

बता दें कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से में 9 दिसंबर को चीन ने घुसपैठ की कोशिश की थी। नतीजतन दोनों तरफ के सैनिकों के बीच तीखी झड़प हुई और कुछ सैनिक जख्मी भी हुए। लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में दिए बयान में कहा कि भारतीय सैनिकों को मामूली चोट आई है।

रक्षा मंत्री ने 13 दिसंबर को संसद में बेहद संक्षिप्त बयान दिया, वह भी तब विपक्ष ने इस मामले में सरकार से जवाब तलब किया। लेकिन इस मुद्दे पर सरकार ने किसी अन्य सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया और न ही दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की विपक्ष की मांग को माना।

इसे लेकर विपक्ष ने नियम 267 के तहत राज्यसभा में चर्चा की कई बार मांग की। इस नियम के तहत सदन की पहले से तय कार्यवाही को स्थगित कर अहम मुद्दे पर चर्चा होती है। लेकिन सभापति ने इसकी इजाजत नहीं दी। हद यह है कि 2016 के बाद से राज्यसभा में नियम 267 के तहत किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई है।

आखिरी बार इस नियम के तहत जब चर्चा हुई थी तो उस समय राज्यसभा के सभापति पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी थे। उन्होंने नोटबंदी पर इस नियम के तहत चर्चा की अनुमति दी थी। यानी हामिद अंसारी के बाद जब वेंकैया नायडू राज्यसभा के सभापति बने तब से ही इस नियम के तहत कोई चर्चा नहीं हुई है। अब तो वेंकैया नायडू का कार्यकाल भी खत्म हो चुका है और अब जगदीप धनखड़ राज्यसभा के सभापति हैं।

21 thoughts on “चीन पर चर्चा से बचने के लिए 267 के तहत वक्त से पहले ही स्थगति कर दी गई संसद की कार्यवाही, 6 साल से नहीं हुई चर्चा

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