बेमौसम बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर, 50 से 100% तक खरीफ की फसल तबाह, आपकी थाली होगी महंगी

MediaIndiaLive

“100% of our crops are destroyed, we’ve come to DM’s office to ask for compensation

उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की वजह से लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूब गई है, जिससे धान, मक्का और आलू की फसलों को भरी नुकसान पहुंचा है।

UP | Waterlogging due to continuous rain damages crops in agricultural fields in parts of Mathura

“100% of our crops are destroyed, we’ve come to DM’s office to ask for compensation,” says a local farmer

No survey happened,administration hasn’t taken action,says another farmer

देश के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया है। किसानों को फसलों से जो बची खुची उम्मीदें थीं अब वह भी चकनाचूर हो गईं। पहले मॉनसून की बारिश बेहद कम हुई और अब सितंबर और अक्टूबर के महीने में बेमौस बारिश, बची हुई फसलों पर आफत बनकर आई है। उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश का भयावह असर देखने को मिल रहा है। राज्य के 75 जिलों में से करीब 67 जिले बेमौसम बारिश से प्रभावित हुए हैं।

बेमौसम बारिश से टूटी किसानों की कमर

उत्तर प्रदेश के मथुरा, इटावा, शाहजहांपुर और गोंडा समेत कई जिलों से फसलों के बर्बाद होने की तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि धान के खेतों में पानी भर गया है। फसल पानी में ही गिर गई है। मथुरा के कई हिस्सों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। एक स्थानीय किसान ने कहा कि हमारी 100 फीसदी तक फसलें नष्ट हो गई हैं, हम डीएम के कार्यालय में मुआवजे की मांग करने आए हैं। एक अन्य किसान ने कहा कि कोई सर्वेक्षण नहीं हुआ, प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। यानी किसानों को मदद मिलने का इंतजार है।

इटावा के आलू उत्पादक एक किसान ने कहा कि हमने सितंबर के अंत में आलू की जल्द बोई जाने वाली किस्म की बुवाई की थी, लेकिन भारी बारिश की वजह से 7 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी आलू की फसल पर बेमौसम बारिश का बेहद बुरा असर पड़ा है।

शाहजहांपुर के एक किसान ने कहा कि बेमौसम बारिश कि वजह से हमारी स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। किसान ने कहा कि यह हमारे लिए कोरोना महामारी से भी ज्यादा बुरा है। किसान ने कहा कि पहले कमजोर मॉनसून की बारिश और अब बेमौसम बारिश ने कमर तोड़कर रख दी है।

बारिश से फसलों को कितना नुकसान पहुंचा?

इस मौसम में खरीफ की फसल तैयार होने के अंतिम चरण में होती हैं। बात करें धान की फसल की तो इस मौसम में धान में बालियां आ गई हैं। इस बीच हुई भारी बारिश से खेतों में पानी भर गया है। खेतों में पानी भरने की वजह से जो खड़ी धान की फसलें हैं वह गिर गई हैं। नतीजा यह हुआ है कि धान की फसल को 50 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक नुकसान पहुंचा है।

किन फसलों को पहुंचा नुकसान, आम जनता पर क्या असर पड़ेगा?

उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की वजह से लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूब गई है, जिससे धान, मक्का और आलू की फसलों को भरी नुकसान पहुंचा है। इन फसलों के अलावा सोयाबीन, कपास, बाजरा, ज्वार और उड़द की फसलों पर भी काफी बुरा असर पड़ा है। बाजार के जानकारों के मुताबिक, फसलों के बड़े पैमाने पर नुकसान से कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी। ऐसे में आने वाले दिनों सीधे तौर पर आपकी थाली पर भी इसका असर पड़ना तय है।

बारिश से फसलों को कितना नुकसान पहुंचा?

इस मौसम में खरीफ की फसल तैयार होने के अंतिम चरण में होती हैं। बात करें धान की फसल की तो इस मौसम में धान में बालियां आ गई हैं। इस बीच हुई भारी बारिश से खेतों में पानी भर गया है। खेतों में पानी भरने की वजह से जो खड़ी धान की फसलें हैं वह गिर गई हैं। नतीजा यह हुआ है कि धान की फसल को 50 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक नुकसान पहुंचा है।

किन फसलों को पहुंचा नुकसान, आम जनता पर क्या असर पड़ेगा?

उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की वजह से लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूब गई है, जिससे धान, मक्का और आलू की फसलों को भरी नुकसान पहुंचा है। इन फसलों के अलावा सोयाबीन, कपास, बाजरा, ज्वार और उड़द की फसलों पर भी काफी बुरा असर पड़ा है। बाजार के जानकारों के मुताबिक, फसलों के बड़े पैमाने पर नुकसान से कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी। ऐसे में आने वाले दिनों सीधे तौर पर आपकी थाली पर भी इसका असर पड़ना तय है।

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