नफरत भरे भाषण कर रहे देश का माहौल खराब, इसे रोकने की जरूरत: सुप्रीम कोर्ट

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Hate speeches sullying nation’s atmosphere: Supreme Court

Delay in transfer of HC judges: ‘May result in administrative, judicial actions which may not be palatable’, SC warns Modi governmen
SC warns Modi government

नफरत भरे भाषण कर रहे देश का माहौल खराब, इसे रोकने की जरूरत: सुप्रीम कोर्ट

Hate speeches sullying nation’s atmosphere: Supreme Court

सप्रीम कोर्ट ने नफरत भरे भाषण का मुद्दा उठाने वाली एक याचिकाकर्ता से कहा कि वह जांच के दौरान उठाए गए कदमों सहित सभी विशेष घटनाओं का ब्योरा दे. शीर्ष अदालत ने कहा, ‘शायद आपका यह कहना सही है कि नफरत भरे भाषणों की वजह से देश का माहौल खराब हो रहा है और आपके पास यह कहने के लिए सही आधार है कि इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है.

चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एसआर भट की बेंच ने याचिका पर सुनवाई के दौरान हालांकि कहा कि किसी मामले का संज्ञान लेने के लिए एक तथ्यात्मक आधार होना चाहिए.

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता एक या दो मामलों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है. पीठ ने कहा, ‘यह बहुत मनमानी याचिका है. इसमें 58 घटनाओं का जिक्र है, जिसमें किसी ने नफरत भरा भाषण दिया.’ अदालत ने कहा कि उसे नहीं मालूम कि अपराध विशेष का ब्योरा क्या है. इसकी स्थिति क्या है. इसमें कौन लोग शामिल हैं और कोई आपराधिक मामला दर्ज किया गया है या नहीं. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने में अब काफी देर हो चुकी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के लिए निर्देश देना जरूरी हैं. क्योंकि हर बार कहीं न कहीं अभद्र टिप्पणी की जाती है.

अदालत ने मांगा घटना का ब्योरा

हरप्रीत ने कहा कि अभद्र बयान कमान से निकले हुए तीर की तरह होती है है, जिसे कभी वापस नहीं लिया जा सकता. पीठ ने कुछ तत्काल उदाहरण की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में जब तक किसी घटना का ब्योरा नहीं दिया जाता, तब तक अदालत संज्ञान नहीं ले सकती. क्योंकि किसी मामले का संज्ञान लेने के लिए तथ्यात्मक आधार होना जरूरी है. पीठ ने याचिकाकर्ता हरप्रीत मनसुखानी को समय देते हुए एक अतिरिक्त हलफनामा दायर करने को कहा जो कुछ चुनिंदा घटनाओं पर केंद्रित हो.

एक नवंबर को अगली सुनवाई

पीठ ने कहा कि इस हलफनामे में जिस अपराध को लेकर सवाल किया गया है, उसका ब्योरा देने के साथ जांच के दौरान अगर कोई कदम उठाया गया है तो उसके बारे में भी बताएं. कोर्ट ने इस मामले में हलफनामा दायर करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया. इस मामले की अगली सुनवाई एक नवंबर को होगी. याचिकाकर्ता ने अल्पसंख्यक समुदाय को टारगेट करने के लिए दिए गए नफरत भरे भाषण का मुद्दा उठाया था और आरोप लगाया कि इन दिनों इस तरह का भाषण ‘मुनाफा देने वाला कारोबार’ बन गया

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